भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Governor Shaktikanta Das) ने आज (शनिवार) को संकेत दिये कि केंद्रीय बैंक के वित्त वर्ष में बदलाव के बारे में जल्द ही घोषणा की जा सकती है। RBI का वित्त वर्ष 01 जुलाई से अगले साल 30 जून तक का होता है जबकि केंद सरकार का वित्त वर्ष 01 अप्रैल से अगले साल 31 मार्च तक का होता है।
विमल जालान समिति ने आरबीआई का वित्त वर्ष सरकार के वित्त वर्ष के समान करने की सिफारिश की थी। गवर्नर शक्तिकांता दास ने यहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘अभी इस पर विचार किया जा रहा है।
आपको जल्द ही इसके बारे में कुछ पता चलेगा।’’ एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि सरकार को आरबीआई द्वारा अंतरिम लाभांश देने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है। जब भी इस बारे में फैसला होगा उसकी जानकारी दी जायेगी।
मौजूदा वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा बजट अनुमान से ज्यादा रहने के कारण सरकार को इसे 0.5 प्रतिशत बढ़कर संशोधित अनुमान में 3.8 प्रतिशत करना पड़ है। अगले वित्त वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 3.5 प्रतिशत रखा गया है। ऐसे में रिजर्व से लाभांश मिलने पर उसे वित्तीय अनुशासन बनाये रखने में आसानी होगी।