पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। बता दें कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में तीन रुपये की बढ़ोतरी हुई है। जिसे लेकर कांग्रेस ने सरकार का घेराव किया है। पार्टी ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार पर दबाव बनाएगी।
पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम किया जाए और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोगों को फायदा देने की बजाय उत्पाद शुल्क तीन रुपये बढ़ा दिया। सरकार को इससे 40 हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा।
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कच्चे तेल की कीमत कम होने से सरकार को पहले ही 3.4 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हो चुका है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों, किसानों और ट्रांसपोर्टर को होगा। माकन ने सवाल किया सरकार कह रही है कि उपभोक्ता को अतिरिक्त पैसे नहीं देने पड़ेंगे। लेकिन हमारा कहना है कि जब कच्चे तेल की कीमत इतनी ज्यादा गिर गयी है तो उपभोक्ता को राहत क्यों नहीं मिल रही है?
कई अन्य कांग्रेस नेताओ का कहना हैं कि पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी की जाए। तथा इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में रखा जाए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार पर दबाव बनाएगी।
गौरतलब है कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर तीन रुपये प्रति लीटर की दर से उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट से लाभ लेने के प्रयासों के तहत सरकार ने शनिवार को यह कदम उठाया है। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क दो रुपये प्रतिलीटर बढ़ाकर आठ रुपये कर दिया है तो वहीं डीजल पर यह शुल्क दो रुपये बढ़कर अब चार रुपये प्रतिलीटर हो गया है।