भारत समेत दुनिया इस वक्त कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा है। महामारी के चलते दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने अुनमान लगाया है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.9 फीसदी की गिरावट आएगी। रेटिंग एजेंसी ने कोरोना वायरस की वजह से आने वाली मंदी को अभूतपूर्व बताते हुए अपने वैश्विक वृद्धि दर के अनुमान में भारी कटौती है। फिच का अनुमान है कि 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आएगी।
फिच ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट की प्रमुख वजह चीन और भारत सहित एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में बड़ी गिरावट रहेगी। चीन और भारत दोनों की वृद्धि दर इस साल एक प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है। फिच ने कहा कि दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने लॉकडाउन को बढ़ाकर 8-9 सप्ताह कर दिया है। पहले इसके करीब 5 सप्ताह रहने का अनुमान था। फिच ने कहा कि एक और महीने के बंद से सालाना आधार पर आय का प्रवाह करीब दो प्रतिशत घट जाएगा।
फिच के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन कुल्टन ने कहा, 2020 में वैश्विक सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आएगी। वैश्विक अर्थव्यवस्था गहरी मंदी में होगी। उन्होंने कहा कि यह अप्रैल की शुरुआत में लगाए गए हमारे अनुमान की तुलना में वैश्विक अर्थव्यवस्था में दोगुनी गिरावट होगी। इसके अलावा यह 2009 की तुलना में दोगुनी गहरी मंदी की स्थिति होगी।
रिपोर्ट में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी अनुमान में उल्लेखनीय कटौती की गई है। इसकी वजह एशिया के वृद्धि के इंजनों चीन और भारत में वृद्धि दर एक प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है।रिपोर्ट में कहा गया है कि जिंस कीमतों में गिरावट, पूंजी की निकासी और नीतिगत मोर्चे पर सीमित लचीलेपन की गुंजाइश की वजह से यह समस्या और बढ़ रही है। जहां मेक्सिको, ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका और तुर्की के जीडीपी अनुमान में बड़ा समायोजन किया गया है वहीं अब चीन और भारत की वृद्धि दर एक प्रतिशत से कम रहने का अनुमान है।