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कच्चे तेल का संकट गहराएगा

शर्मा ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने तेल शोधन कंपनियों को सूचित किया है कि तीन नवंबर के बाद यूरो भुगतान मार्ग उपलब्ध नहीं होगा।

नई दिल्ली : भारत इस साल नवंबर से ईरान को कच्चे तेल के भुगतान के लिए यूरोपीय बैंकों के मार्ग का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उस समय ईरान के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो जाएंगे, जिससे भारत के लिए कच्चे तेल के भुगतान का मार्ग बंद हो जाएगा। इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के निदेशक (वित्त) ए के शर्मा ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने तेल शोधन कंपनियों को सूचित किया है कि तीन नवंबर के बाद यूरो भुगतान मार्ग उपलब्ध नहीं होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने ऐतिहासिक परमाणु करार से बाहर निकलने की घोषणा करते हुए कहा था कि ईरान पर 180 दिन के भीतर नए सिरे से प्रतिबंध लागू हो जाएंगे।

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के निदेशक (वित्त) आर रामचंद्रन ने कहा कि इससे भारतीय रिफाइनरी कंपनियों के लिए परेशानी जैसी कोई बात नहीं है क्योंकि पश्चिम एशिया, अमेरिका और रूस में कच्चे तेल के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि यदि भुगतान संबंधी समस्या की वजह से ईरान से तेल की आपूर्ति बाधित होती है तो भारत अन्य देशों से कच्चा तेल मंगा सकता है। शर्मा ने कहा कि भुगतान चैनल बंद होने के बाद ईरान को यह फैसला करना होगा कि क्या वह भारत के साथ रुपये में कारोबार करना चाहता है या उधार पर तेल की आपूर्ति करेगा तथा भविष्य में इस मार्ग के खुलने का इंतजार करेगा। फिलहाल पेट्रोलियम कंपनियां एसबीआई को कोष स्थानांतरित करती हैं।

उसके बाद एसबीआई जर्मनी के ईआईएच बैंक के जरिये ईरान को यूरो में भुगतान करता है। रामचंद्रन ने कहा कि तेल परिवहन सस्ता होने की वजह से ईरान से आयात भारत के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं। वहीं शर्मा ने कहा कि अब ईरान को फैसला करना है कि वह किस तरीके से आपूर्ति करना चाहता है। भारत द्वारा प्रतिबंधों से छूट के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस पर सरकार को फैसला करना है और वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। पिछली बार जब भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट मांगी थी तो उस समय यह शर्त थी कि वह ईरान से आयात घटाएगा।

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