देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel 'PUNJAB KESARI' को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी समेत विभिन्न वर्चुअल डिजिटल एसेट में पैसे लगाने वालों को टैक्स डिपार्टमेंट से राहत मिली है। बता दें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी ने क्रिप्टोकरेंसी समेत डिजिटल वर्चअुल एसेट पर लगने वाले पीनल इंटरेस्ट से टैक्सपेयर्स को छूट दी है।
दरअसल, अब किसी भी निवासी भारतीय नागरिक को वर्चुअल डिजिटल करेंसी का ट्रांसफर करने पर टीडीएस कटता है। टीडीएस का नियम जुलाई 2022 से अमल में आया है। खरीदार को काटे गए टीडीएस की जानकारी फॉर्म 26क्यूई के जरिए देनी होती है। फॉर्म 26क्यूई टीडीएस का चालान-कम-स्टेटमेंट फॉर्म है। तय समयसीमा में ऐसा नहीं करने पर पेनल्टी का प्रावधान है।टैक्स डिपार्टमेंटने टैक्सपेयर्स को जो राहत दी है। वह इसी से संबंधित है। यह राहत इस कारण दी गई है क्योंकि फॉर्म 26क्यूई समय पर उपलब्ध ही नहीं हो पाया था। समय पर फॉर्म के नहीं आने से स्वाभाविक तौर पर टैक्सपेयर्स को जानकारी देने में देरी हुई। हालांकि इसके बाद भी टैक्सपेयर्स के ऊपर पेनल्टी लग गई थी।
अब टैक्स डिपार्टमेंट ने इस गड़बड़ी को दुरुस्त किया है और पीनल इंटरेस्ट हटाने का फैसला लिया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेज ने इस संबंध में 7 मार्च 2024 को एक डाइरेक्टिव जारी किया और बताया कि तय समयसीमा में फॉर्म 26क्यूई फाइल नहीं करने के चलते जो पेनल्टी लगी थी, उसे हटाने का निर्णय लिया गया है।
मौजूदा नियम कहता है कि अगर किसी रेसिडेंट को वर्चुअल डिजिटल एसेट ट्रांसफर किए जाते हैं, तो उस पर 1 फीसदी की दर से टीडीएस कटेगा। इसके बारे में टैक्सपेयर को संबंधित ट्रांजेक्शन के महीने की अंतिम तारीख के बाद अगले 30 दिनों के भीतर कटे टीडीएस के बारे में 26 क्यूई के बारे में बताना होता है, वर्ना पेनल्टी लगती है।