नई दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि रुपये की विनिमय दर में गिरावट चिंता का कारण नहीं क्योंकि वास्तविक प्रभावी विनिमय दर (आरईईआर) के संदर्भ में मुद्रा ऊंची बनी हुई है। रुपया मुद्रास्फीति को लेकर चिंता तथा कमजोर वैश्विक रुख समेत विभिन्न कारणों से 69 रुपये प्रति डालर के आसपास है। नीति आयोग की तरफ से विभिन्न क्षेत्रों में की गयी पहल पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कुमार ने कहा कि संप्रग-दो के दौरान वर्ष 2013 में रुपया तीन महीने में 57 रुपये से 68 रुपये प्रति डालर पर पहुंच गया और इसीलिए तुलना करना उचित नहीं होगा। वह रुपये को थामने के मुद्दे पर सरकार की विफलता को लेकर आलोचना का जवाब दे रहे थे।
कुमार ने कहा कि आरईईआर के संदर्भ में रुपये की विनिमय दर अधिक है। चिंता का का कोई कारण नहीं है, रिजर्व बैंक ने कहा है कि वह रुपये को किसी खास स्तर पर रखने को लेकर हस्तक्षेप नहीं करेगा। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) द्वारा आईडीबीआई बैंक के अधिग्रहण के मुद्दे पर कुमार ने कहा कि आईडीबीआई में निवेश कर एलआईसी अच्छा पैसा बनाएगा। मुझे लगता है कि आईडीबीआई बैंक में कायापलट और उसकी बाजार पूंजी में सुधार जल्द होगा। उन्होंने यह भी कहा कि 2018-19 में आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत तथा 2019-20 में 8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
कुमार ने कहा कि वर्ष 2022 तक देश की वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रहेगी और उसके बाद यह दर बनी रहेगी। नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि पूर्व में किसी भी सरकार ने इतना सुधार नहीं किया जितना कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार ने चार साल में किया है। उन्होंने रेखांकित किया कि देश में पिछले चार साल में पर्याप्त रोजगार सृजित हुए हैं। एयर इंडिया में निवेश से जुड़े एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा कि सरकार पूरे मुद्दे को नये सिरे से विचार कर रही है।