नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक कर्जदारों और कर्ज न चुकाने वालों के बारे में सूचनाओं का एक व्यापक सार्वजनिक डिजिटल लेखागार बनाने की प्रक्रिया में है। इस डिजिटल सार्वजनिक साख पंजीयन (पीसीआर) की स्थापना के लिए छह प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों को छांटा गया है। इनमें टीसीएस, विप्रो और आईबीएम इंडिया शामिल हैं।
इसमें कर्ज में धोखाधड़ी और मनी लांडरिंग से जुड़ी सूचनाओं का भी अभिलेख शामिल होगा। प्रस्तावित पीसीआर में बाजार नियामक सेबी, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) तथा भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के आंकड़े भी शामिल होंगे।
इससे बैंकों और वित्तीय संस्थानों को मौजूदा और संभावित कर्ज लेने वालों के बारे में तत्काल आधार पर जानकारी मिल सकेगी। केंद्रीय बैंक ने कहा कि इस बारे में 27 अक्टूबर, 2018 को रुचि पत्र (ईओआई) प्रकाशित किया गया था। उसके बाद रिजर्व बैंक को पीसीआर के क्रियानयन के लिए समाधान उपलब्ध कराने को कई वेंडरों से प्रतिक्रिया मिली है।