नयी दिल्ली : सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक वे (ई-वे) बिल के क्रियान्वयन के लिए एक अप्रैल का दिन अधिसूचित किया है। एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपये से अधिक का सामान ले जाने के लिये इसकी जरूरत होगी। इसके अलावा केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ( सीबीईसी) ने संक्षिप्त जीएसटीआर-3 बी रिटर्न दायर करने के लिए जून तक का समय दिया है। सामान्यत: किसी भी महीने का जीएसटीआर-3 बी रिटर्न अगले महीने की 20 तारीख तक दायर करना होता है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने 10 मार्च की बैठक में ई-वे बिल तथा 3 बी रिटर्न दायर करने की तिथि बढ़ाने के बारे में निर्णय लिया था। एक फरवरी को पहली बार लागू किये जाने के बाद प्रणाली में आयी रुकावटों के मद्देनजर परिषद ने ई- वे बिल को चरणबद्ध तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल की ढुलाई के लिए ई- वे बिल को एक अप्रैल से लागू किया जाएगा लेकिन राज्य के भीतर माल ढुलाई के लिए इसे 15 अप्रैल से चरणबद्ध ढंग सेशुरू किया जाएगा।
ई- वे बिल को कर-चोरी रोकने का कदम बताया जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे नकदी आधार पर होने वाले व्यापार पर लगाम लगेगी और कर का संग्रह बढ़ेगा। जीएसटी निरीक्षक के मांगने पर ई-वे बिल दिखाना होगा। ई-वे बिल की एक अप्रैल से शुरुआत होने पर ट्रांसपोर्टरों को 50,000 रुपये से अधिक का माल ले जाने के लिये ई-वे बिल लेना होगा।
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