प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के आवास एवं कार्यालय परिसर की तलाशी ली। ईडी ने यह खोजबीन बैंक धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में की है।
अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी मुंबई एवं अन्य जगहों पर कम से कम पांच कार्यालय और आवासीय परिसर में की गई है। निदेशालय ने इस महीने की शुरुआत में कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धुत एवं अन्य के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।
चंदा कोचर और धूत के खिलाफ लुकआउट नोटिस
यह मामला आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रुपये का ऋण आवंटित करने में कथित अनियमिताओं और भ्रष्ट व्यवहार की जांच से जुड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि मामले में अधिक सबूतों की तलाश के लिए ईडी ने शुक्रवार सुबह यह छापेमारी की। इसमें पुलिस ने ईडी की मदद की।
पिछले महीने इस संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए एक मामले पर संज्ञान लेते हुए ईडी ने धन शोधन कानून के तहत यह मामला दर्ज किया है। सीबीआई के मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर, धूत और उनकी कंपनियों वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) को नामजद किया गया है।
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में धूत की एक और कंपनी सुप्रीम एनर्जी और दीपक के नियंत्रण वाली न्यूपावर रीन्यूएबल्स को भी नामजद किया गया है। आरोप है कि धूत ने अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी के माध्यम से दीपक की कंपनी में निवेश किया था। इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक द्वारा एक ऋण मंजूर किया गया और यह ऋण एक मई 2009 को चंदा कोचर के बैंक का मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने के बाद मंजूर किया गया।