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जेट एयरवेज को बचाने में जुटे कर्मचारी

जेट एयरवेज के कर्जदाता SBI की अगुवाई में एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली लगा रहे हैं, ताकि एयरलाइन को दिए गए रुपये के कर्ज की वसूली की जा सके।

नई दिल्ली : यह भांपते हुए कि जेट एयरवेज को पुनर्जीवित करने के विकल्प तेजी से खत्म हो रहे हैं, एयरलाइन कर्मचारियों के एक समूह ने एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) को पत्र लिखकर कर्मचारियों और बाहरी निवेशकों के संघ को कंपनी के प्रबंधन नियंत्रण के लिए बोली लगाने की अनुमति मांगी है। कर्मचारियों के प्रतिनिधि ने कहा कि उन्होंने बाहरी निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये की निधि जुटाई है। सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ इंडियन पायलट्स और जेट एयरक्राफ्ट मेंटनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के संघ ने यह प्रस्ताव भेजा है।

संघ ने वादा किया है कि कर्मचारी अपनी भविष्य की कमाई को एयरलाइन में लगाएंगे तथा उत्पादकता बढ़ाएंगे। एसबीआई के चेयरमैंन को लिखे संयुक्त पत्र में कहा गया है, हमारे शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, प्राकल्पित पंच वर्षीय कर्मचारी स्टॉक ऑनरशिप कार्यक्रम (ईएसओपी) में कर्मचारी समूहों का योगदान 4,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न कर्मचारी समूहों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है, साथ ही उन सहयोगियों से भी सलाह-मशविरा किया गया है, जो अतीत में विभिन्न वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर रहे हैं।

पत्र में कहा गया है, हम मानते हैं कि एयरलाइन के साथ विरासत में मिले मुद्दे शामिल हैं, जिसमें उच्च परिचालन लागत, कर्मचारियों की जरूरत से अधिक संख्या, प्रतिकूल विक्रेता/पट्टे समझौते, और प्रतिकूल कर्ज/इक्विटी अनुपात शामिल हैं। जेट एयरवेज के कर्जदाता एसबीआई की अगुवाई में फिलहाल एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली लगा रहे हैं, ताकि एयरलाइन को दिए गए 8,400 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली की जा सके।

एयर इंडिया ने बचाया 150 किलो ईंधन
सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया ने प्रदूषण कम करने के लिए एक नयी पहल के तहत वैकल्पिक मार्ग और वैकल्पिक हवाई अड्डे के बिना उड़ान भरकर ईंधन की खपत 150 किलोग्राम कम कर दी जिससे एयरलाइन को आर्थिक लाभ के साथ ही प्रदूषण कम करने में भी मदद मिली है। एयर इंडिया ने बताया कि दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से हैदराबाद के शमसाबाद हवाई अड्डा जाने वाली उड़ान एआई 560 पर इस नयी व्यवस्था को आजमाया गया। विमान सुबह 8.50 बजे शमसाबाद पहुंचा था।

आम तौर पर इसी उड़ान के वैकल्पिक मार्ग के लिए चार टन अतिरिक्त ईंधन लेकर चलना पड़ता है। अतिरिक्त ईंधन से विमान का वजन बढ़ जाता है और ईंधन की खपत अधिक होती है। परीक्षण के आधार पर आज भरी गयी उड़ान में अतिरिक्त ईंधन नहीं था जिससे 150 किलोग्राम विमान ईंधन की बचत हुई। इस बी787 ड्रमीलाइनर विमान में कैप्टर अमिताभ सिंह मुख्य पायलट थे जो एयर इंडिया के परिचालन निदेशक भी हैं। कैप्टर सुनील कुमार सहायक पायलट की भूमिका में थे।

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