नई दिल्ली : देश के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में बेहतर निवेश संभावनाओं का उल्लेख करते हुये खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि विश्व खाद्य भारत 2017 सम्मेलन एवं प्रदर्शनी में 11 अरब डॉलर के सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इससे लाखों लोगों के लिये रोजगार के अवसर पैदा होंगे। राष्ट्रीय राजधानी में इंडियागेट के पास विश्व खाद्य भारत-2017 के उद्घाटन सत्र को संबांधित करते हुये हरसिमरत कौर ने कहा, देश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए यह ऐतिहासिक दिन है। इस अवसर पर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र से जुड़े 7,000 अंशधारक एक मंच पर जुटे हैं।
आयोजन में 11 अरब डॉलर तक के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिनसे आने वाले समय में 10 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि यह आयोजन देश के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत करेगा। देश की 1.3 करोड़ की आबादी, 600 अरब डॉलर का खुदरा बाजार, लोगों की बढ़ती क्रय शक्ति के मामले में विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने के साथ हमारा लक्ष्य अगले पांच सालों में किसानों की आय को दोगुना करना है। हरसिमरत कौर ने कहा कि इस समय देश में मात्र 10 प्रतिशत कृषि उपज का ही प्रसंस्करण हो पाता है और काफी मात्रा में इसकी बर्बादी होती है।
खाद्य प्रसंस्करण के जरिये इस बर्बादी को कम किया जा सकता है जो खाद्य सुरक्षा के मकसद को पूरा करने के साथ आम लोगों, किसानों, निवेशकर्ताओं सहित सभी के लिए लाभदायी साबित होगा। विश्व खाद्य भारत-2017 में देश की 100 से अधिक कंपनियों के सीईओ भी विदेशी निवेशकों के साथ चर्चा कर निवेश संभावनाओं की तलाश करेंगे। इस सम्मेलन में डेनमार्क, जर्मनी, जापान भागीदार देश हैं जबकि इटली और नीदरलैंड फोकस देश के तौर पर भाग ले रहे हैं। इटली के आर्थिक विकास उप-मंत्री इवान स्काफरोट्टो, जर्मनी के खाद्य और कृषि संघीय मंत्री पीटर ब्लेसर तथा डेनमार्क के खाद्य एवं पर्यावरण मंत्री एस्बेन लुडे लार्सेन ने भी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।