नई दिल्ली : सरकार की ओर से जल्द ही जारी होने वाली ई-वाणिज्य नीति के मसौदे में देश में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए खुदरा कारोबार को लेकर कई शर्तों को शामिल किया गया है। इन शर्तों के अनुसार ऑनलाइन मार्किटप्लेस पर बेचे जाने वाले सभी उत्पादों के विक्रेताओं की पूरी जानकारी देना अनिवार्य किया गया है।
इसके साथ ही नकली उत्पादों की बिक्री करने पर विक्रेता के खिलाफ वित्तीय जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नीति के मसौदे के अनुसार केवल ऑनलाइन मंच के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को प्रोत्साहन दिया गया है। इसमें ऑनलाइन मंच के माल गोदाम आधारित कारोबार के लिये कोई प्रोत्साहन नहीं है। नीति के मसौदे में कहा गया है कि ई-वाणिज्य कंपनियों के लिए वेबसाइट पर विक्रेताओं की पूरी जानकारी देना आवश्यक है।
इन विवरण में विक्रेता का पूरा नाम, पता और फोन नंबर एवं ईमेल आईडी सहित संपर्क से जुड़े विवरण शामिल होंगे। विक्रेताओं को उत्पाद के असली होने का शपथपत्र देना होगा, ट्रेडमार्क मालिकों के पास ई-वाणिज्य प्लेटफॉर्म पर खुद को पंजीकृत कराने का विकल्प होगा। इसके अतिरिक्त ई-वाणिज्य कंपनियों को विक्रेताओं से इस बात की गारंटी लेनी होगी कि उत्पाद के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गयी है और ब्रांड के सभी वारंटी एवं गारंटी उस पर लागू होते हैं।
इसमें कहा गया है कि भारतीय बाजार में उपलब्ध सभी ई-वाणिज्य वेबसाइटों या एप को उत्पाद की पैकिंग पर रुपये में अधिकतम खुदरा मूल्य दर्ज करना होगा। ऐसा उपहार के नाम पर होने वाली धांधली को रोकने के लिए किया गया है। केवल जीवन रक्षक औषधियों को इस सूची से अलग रखा गया है।