नई दिल्ली : वाहन उद्योग से जुड़ी कंपनियों ने शुक्रवार को कहा कि सरकार की ओर से 10 हजार करोड़ रुपये की फेम-दो योजना को मंजूरी देने से इलेक्ट्रिक वाहनों (ई-वाहन) की दिशा में नीतिगत स्थिरता और स्पष्टता आई है। साथ ही देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लोकप्रिय बनाने में बड़ी मदद मिलेगी। महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स समेत विभिन्न कंपनियों के साथ सियाम और इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण सोसाइटी (एसएमईवी) जैसे उद्योग संगठनों ने इलेक्ट्रिक एवं हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण और उनके तेजी से इस्तेमाल (फेम) के दूसरे चरण की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना सभी कंपनियों के लिए ई-वाहन क्षेत्र में निवेश करने के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करेगी।
सियाम के अध्यक्ष राजन वडेरा ने बयान में कहा कि यह योजना देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उच्च स्तर को पेश करने के हमारे प्रयासों को बड़ी मदद देगी। उन्होंने कहा कि वाहन उद्योग फेम – दो को अंतिम रूप देने समेत एक दीर्घ-कालिक नीति की दो साल से ज्यादा समय से इंतजार कर रहा है। वडेरा ने कहा कि तीन वर्षीय इस योजना में अच्छा खासा वित्तीय आवंटन किया गया है। इस योजना से वाहन उद्योग के साथ-साथ कलपुर्जा उद्योग में जबरदस्त आत्मविश्वास पैदा होगा क्योंकि इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास और विनिर्माण में न्यूनतम जोखिम के साथ दीर्घकालिक निवेश को शामिल किया गया है।
एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि फेम-दो योजना इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में कंपनियों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। यह घरेलू स्तर पर ई-वाहन के लिए तंत्र स्थापित करने में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फेम इंडिया योजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है। कुल 10,000 करोड़ रुपये के परिव्यय वाली यह योजना 1 अप्रैल, 2019 से तीन वर्षों के लिए शुरू की जाएगी। महिंद्रा एंड महिंद्रा के प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने कहा कि तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये का वित्तीय आवंटन देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए एक स्थिर नीति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि फेम-दो योजना में राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण पर वाहनों का प्रतिकूल प्रभाव को कम करने और घरेलू प्रौद्योगिकी एवं विनिर्माण क्षमताओं की वृद्धि समेत अहम दिक्कतों का दूर करने का प्रयास किया गया है। टाटा मोटर्स के अध्यक्ष (इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कारोबार और कॉर्पोरेट रणनीति) शैलेश चंद्र ने कहा कि उद्योग को फेम – दो योजना के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में तेजी लाने में प्रमुख भूमिका निभाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इसके जरिए इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में नीतिगत स्थिरता और स्पष्टता लाने में मदद मिली है।