देश में दिन- प्रतिदिन महंगाई बढ़ती ही जा रही है।जिसको देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिज़र्व बैंक को मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए राजकोषीय नीति और अन्य कारकों के साथ अधिक बेहतर ढंग से तालमेल बिठाना होगा।उन्होंने आर्थिक थिंक टैंक इक्रियर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मुद्रास्फीति प्रबंधन को केवल मौद्रिक नीति पर नहीं छोड़ा जा सकता है, जो कई देशों में पूरी तरह से अप्रभावी साबित हुई है।
वित्त मंत्री ने कहा, ”आरबीआई को कुछ हद तक तालमेल बिठाना होगा। हो सकता है कि यह तालमेल उतना न हो, जितना कि अन्य पश्चिमी विकसित देश में होता है। मैं रिजर्व बैंक को कुछ बता नहीं रही हूं… मैं आरबीआई को कोई आगे का निर्देश नहीं दे रही हूं, लेकिन सच्चाई यह है कि भारत की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए मौद्रिक नीति के साथ ही राजकोषीय नीति को भी काम करना है।”
उन्होंने कहा कि ऐसी अर्थव्यवस्थाएं हैं, जहां नीति को इस तरह तैयार किया गया है कि मुद्रास्फीति को संभालने के लिए मौद्रिक नीति और ब्याज दर प्रबंधन एकमात्र साधन हैं।सीतारमण ने कहा, ”मैं कहूंगी कि भारत का मुद्रास्फीति प्रबंधन कई अलग-अलग गतिविधियों की साझा कवायद है और जिनमें से ज्यादातर आज की परिस्थितियों में मौद्रिक नीति से बाहर है।”