वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार कोविड-19 महामारी को देखते हुए नये निवेश पर 15 प्रतिशत की घटी दर से कंपनी कर का लाभ लेने की समयसीमा बढ़ाने पर विचार करेगी। सरकार ने निजी निवेश आकर्षित करने और धीमी पड़ती आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिये पिछले साल सितंबर में कंपनी कर की दरों में 10 प्रतिशत तक की कटौती की। यह 28 साल में सबसे बड़ी कटौती की गई।
इसके तहत मौजूदा कंपनियों के लिये मूल कंपनी कर की दर को 30 प्रतिशत से कम कर 22 प्रतिशत और एक अक्टूबर 2019 के बाद गठित और 31 मार्च 2023 से पहले परिचालन शुरू करने वाली नई विनिर्माण इकाइयों के लिये कंपनी कर की दर को 25 प्रतिशत से कम कर 15 प्रतिशत कर दिया गया। सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं देखूंगी कि क्या किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि उद्योग नये निवेश पर 15 प्रतिशत कंपनी कर का लाभ उठाये और मैं 31 मार्च 2023 की समय सीमा बढ़ाने के अनुरोध पर गौर करूंगी।’’
उद्योग मंडल फिक्की के सदस्यों को संबोधित करते हुए मंत्री ने अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार के लिये उद्योग को हर संभव सरकारी सहायता का आश्वासन दिया। सीतारमण ने स्पष्ट किया कि कोविड-19 आपात ऋण सुविधा केवल सूक्ष्म, लघु एवं मझोली कंपनियों के लिये ही नहीं है बल्कि सभी कंपनियां इसके दायरे में आतीं हैं। नकदी से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमे इस मसले का स्पष्ट रूप से समाधान किया है। निश्चित रूप से नकदी की उपलब्धता है। अगर कोई मसला रहता है, हम उस पर गौर करेंगे।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभागों से बकाये का निपटान करने को कहा गया है और अगर किसी विभाग से जुड़ा कोई मुद्दा रहता है, सरकार उस पर ध्यान देगी। उन्होंने उद्योगों से कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय या सेबी की समयसीमा से संबद्ध अपनी सिफारिशें देने को कहा ताकि उसको लेकर जरूरी कदम उठाये जा सके।
कोरोना संकट से प्रभावित क्षेत्रों में जीएसटी दरों में कटौती के संदर्भ में सीतारमण ने कहा, ‘‘माल एवं सेवा कर (जीएसटी) दर में कटौती का मामला परिषद में जाएगा। लेकिन जीएसटी परिषद राजस्व पर भी ध्यान दे रही है। किसी भी क्षेत्र के लिये जीएसटी दर में कटौती का निर्णय परिषद को करना है।’’ राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे ने फिक्की सदस्यों से कहा कि कंपनियों के आयकर रिफंड का काम शुरू हो गया है। आयकर विभाग ने पिछले कुछ सप्ताह में 35,000 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है।