कर्ज वसूली में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्रालय ने की हाई लेवल मीटिंग

कर्ज वसूली में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्रालय ने की हाई लेवल मीटिंग
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वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव विवेक जोशी की अध्यक्षता में शनिवार को एक हाई लेवल मीटिंग (उच्च स्तरीय बैठक) में ऋण वसूली में तेजी लाने और ऋण वसूली न्यायाधिकरणों की दक्षता बढ़ाने के कदमों पर चर्चा हुई।
मीटिंग में डीआरएटी अध्यक्षों और डीआरटी के पीठासीन अधिकारियों ने लिया भाग
मीटिंग में ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरणों (डीआरएटी) के अध्यक्षों और ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) के पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी भी हुए शामिल
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी ; मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए); और वित्त मंत्रालय तथा भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) के वरिष्ठ अधिकारी भी मीटिंग में शामिल हुए।
मीटिंग के दौरान जिन मुख्य मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें शामिल हैं : –
वसूली की प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए ऋण वसूली न्यायाधिकरण विनियम, सरफेसी अधिनियम और आरडीबी अधिनियम में बदलाव और संशोधन के संबंध में विभिन्न सुझाव।
बैंक और वित्तीय संस्थान उन मामलों का समाधान करें जो डीआरटी और डीआरएटी में लंबित हैं लेकिन उनका निपटारा पहले ही हो चुका है।
बैंक पैनल में शामिल अधिवक्ताओं के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करेंगे और पैनल में शामिल अधिवक्ताओं को उनके प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए मामलों के आवंटन को तर्कसंगत बनाएंगे।
डीआरटी और डीआरएटी सख्त निगरानी के माध्यम से विभिन्न चरणों में लंबित मामलों को कम करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
बैंकों को न्यायिक मंचों के समक्ष अपने संबंधित मामलों की सभी सुनवाई में अपने अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।
विभिन्न अधिनियमों- सरफेसी अधिनियम, 2002, आरडीबी अधिनियम, 1993 और आईबीसी, 2016 के प्रावधानों के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों की संपत्तियों की लिस्टिंग और नीलामी के लिए विकासाधीन ई-नीलामी मंच का लाभ उठाना।

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