सरकार ने शुक्रवार राज्यसभा में कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने से पहले पूरी तरह से जांच परख की जाती है और राष्ट्रीय सुरक्षा के सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाता है।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन में गैर सरकारी विधेयक ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाली वित्तीय सेवाओं, महत्वपूर्ण अवसंरचना और प्रौद्योगिकी में विदेशी निवेश (विनिमयन) विधेयक 2018’ की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि एफडीआई की अनुमति देने से पहले पूरी तरह से जांच परख की जाती है और राष्ट्रीय सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है।
उन्होंने कहा कि संबंधित मंत्रालयों के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमयन बोर्ड – सेबी पूंजी बाजार, वित्त बाजार तथा शेयर बाजारों पर प्रस्तावित एफडीआई का अध्ययन करते हैं और इसपर लगातार नजर रखते हैं।
एफडीआई के लिए कुछ उद्योग क्षेत्र संवेदनशील हैं और इनपर नजर रखी जाती हैं। उन्होंने कहा कि एफडीआई के लिए सरकार ने कुछ उद्योगों में आटोमेटिक रुट और कुछ में मंजूरी का तरीका अपनाया है।
समय समय पर इसकी समीक्षा होती है और कदम उठायें जाते हैं। सरकार कारोबार के अनुकूल माहौल बनाने की मुहिम के तहत प्रतिबंधों को हटा रही है। लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाता है।इसके बाद नामित सदस्य नरेंद्र जाधव ने यह निजी विधेयक वापस ले लिया।