नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि देश के 12 बड़े बंदरगाह देशभर में 111 नदियों को जलगार्ग के रूप में विकसित करने के लिये विशेष उद्देश्यीय कंपनियां (एसपीवी) गठित करेंगे। संसद ने 2016 में देशभर में मौजूदा 5 राष्ट्रीय जलमार्गों के अलावा 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग में बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इस कदम से वस्तुओं तथा यात्रियों की नदियों के रास्ते आवाजाही में तेजी आएगी और परिवहन लागत में उल्लेखनीय कमी आने का अनुमान है। पोत परिवहन, सड़क परिवहन, राजमार्ग, जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्री गडकरी ने कहा कि अंतर्देशी परिवहन के लिये नदियों की बड़ी संभावना को देखते हुए हमने यह निर्णय किया है कि 12 बड़े बंदरगाह नदियों के विकास के लिये विशेष उद्देश्यीय इकाइयों का गठन करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग के रूप में विकसित किया जाना है, उसके विकास के लिये उन्हें इन इकाइयों के बीच विभाजित किया जाएगा। मंत्री ने कहा, ‘‘हमने बंदरगाहों के बीच नदियों के विभाजन का आदेश जारी किया है। उदाहरण के लिये जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के पास महाराष्ट्र और गोवा की नदियां होंगी।’’ देश में 12 बड़े बंदरगाह-कांडला, मुंबई, जेएनपीटी, मुड़गांव, न्यू मैंगलोर, कोचीन, चेन्नई, एन्नोर, वीओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया समेत) हैं।
कुल माल परिवहन का 61 प्रतिशत हिस्सा इनके यहां चढ़ाया उतारा जाता है। देश के अंदर जलमार्गों के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया जिसके केवल 3.5 प्रतिशत व्यापार ही जल मार्ग के रास्ते हो पा रहा है। इसके विपरीत चीन में जलमार्गों के जरिये 47 प्रतिशत, यूरोप में 40 प्रतिशत, जापान तथा कोरिया में 44 प्रतिशत तथा बांग्लादेश में 35 प्रतिशत व्यापार हो रहा है।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।