देशभर में जारी कोरोना वायरस के चलते देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। तमाम रेटिंग एजेंसियां भारत की वृद्धि दर में गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं। इस बीच, अमेरिका की ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन साक्स का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में पांच प्रतिशत की गिरावट होगी है। यह भारत का एक वर्ष का सबसे खराब प्रदर्शन होगा। उसने अपनी ताजा रपट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च) तिमाही के मुकाबले भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 45 प्रतिशत गिर सकताहै। लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियों के लगातार बंद रहने की वजह से यह स्थिति बनी है।
कंपनी का कहना है कि कामकाज शुरू होने पर जीडीपी सुधरेगा। कई एजेंसियां भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आने का अनुमान लगा रही हैं। प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देने के बाद भी उन्हें गिरावट की आशंका बनी हुई है। गोल्डमैन साक्स ने इससे पहले 0.4 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान लगाया था जिसे बाद में उसने और बढ़ा कर पांच प्रतिशत कर दिया। जापानी ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा इसी दायरे की गिरावट का अनुमान लगाया है। गोल्डमैन साक्स के विश्लेषक ने लिखा है, ‘‘वर्ष 2020- 21 के दौरान पांच प्रतिशत गिरावट का अनुमान जो हमने जारी किया है वह भारत में अब तक की सभी मंदियों के मुकाबले कहीं अधिक गहरा होगा।’’
इस बीच, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी कोष के लगातार बाहर जाने से रुपया सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 33 पैसे टूटकर 75.91 के स्तर पर बंद हुआ। मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और राजकोषीय प्रोत्साहन को लेकर स्पष्टता नहीं होने से निवेशकों की भावनाएं कमजोर हुईं।
इसके अलावा बाजार भागीदारों ने कहा कि देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ाने से आर्थिक सुधार प्रभावित हो सकता है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय मुद्रा गिरावट के साथ प्रति डॉलर 75.85 पर खुली और 75.91 पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 33 पैसे कम है। शुक्रवार को डॉलर 75.58 रुपये पर बंद हुआ था।