नई दिल्ली : सरकार प्रत्यक्ष करों से राजस्व बढ़ाने के लिए नए सिरे से रणनीति बना रही है। अभी तक प्रत्यक्ष कर संग्रह सरकार द्वारा तय लक्ष्य से काफी पीछे है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य अखिलेश रंजन ने बृहस्पतिवार को यहां एसोचैम के एक कार्यक्रम के इतर कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि उम्मीद से कम है। सीबीडीटी इस बारे में अपनी रणनीति पर नए सिरे से काम करेगा।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 13.35 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा है। इसमें 7.66 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट या कंपनी कर से और 5.69 लाख करोड़ रुपये आयकर से जुटाए जाने हैं। रंजन ने कहा कि देश के करदाताओं को आयकर अदायगी को बोझ के रूप में नहीं देखना चाहिए। रंजन प्रत्यक्ष कर संहिता पर कार्यबल के संयोजक भी हैं। कॉरपोरेट कर को कम किए जाने पर रंजन ने कहा कि सरकार इस मामले पर गौर कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल में कहा है कि कॉरपोरेट कर को कुछ कम किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज या कल कॉरपोरेट कर की दर में कमी होनी ही है। कर अनुपालन पर रंजन ने कहा कि सरकार कराधान प्रणाली को और सरल करने का प्रयास कर रही है। इससे राजस्व संग्रह और बेहतर हो सकेगा। सरकार को हाल में सौंपी गई प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर रंजन ने कहा कि अभी इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। ऐसे में मैं अभी इसका ब्योरा नहीं दे सकता। व्यापक रूप से कहा जा सकता है कि हमारा ध्यान अनुपालन पर है।