सिंगापुर : वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने सोमवार को चेतावनी दी कि रिजर्व बैंक के ऊपर केंद्र सरकार के सख्त दबाव से पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग प्रणाली में काफी मेहनत से हासिल हुई उपलब्धियां तथा देश की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को नुकसान पहुंच सकता है।
एजेंसी ने रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे के लिये जिम्मेदार परिस्थितियों को नकारात्मक बताया। उसने कहा कि हम रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की जनवरी 2019 में होने वाली अगली बैठक में बैंकिंग प्रणाली के नियमनों में किसी तरह के बदलाव की प्रतीक्षा करेंगे। एसएंडपी ने कहा कि रिजर्व बैंक कई अन्य प्राधिकरणों की तुलना में पारंपरिक तौर पर अधिक स्वतंत्र रहा है और इसकी संस्थागत संस्कृति शानदार रही है।
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से रिजर्व बैंक पर जारी सख्त दबाव से आने वाले समय में स्वतंत्रता और संस्कृति के समाप्त होने का जोखिम है। यह देश की दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को भी नुकसान पहुंचा सकता है। एजेंसी ने कहा कि हमारे विचार से पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा की शुरुआत करने के बाद हालिया वर्षों में रिजर्व बैंक द्वारा उठाये गये कदम से बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता बेहतर हुई है तथा विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
हालांकि इसका आधार कमजोर रहा है और इसे लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। रिजर्व बैंक ने 12 फरवरी 2018 को जारी परिपत्र में पुनर्गठन की पुरानी योजनाओं को खत्म कर दिया। इसके बाद गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) में काफी सुधार हुआ है। एजेंसी ने कहा कि हमारे विचार से एनपीए से संबंधित प्रावधानों तथा इनकी पहचान की प्रक्रिया सरल हुई है।