पिछले कुछ समय से देश की अर्थव्यवस्था में जारी गिरावट को लेकर सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था। मगर पिछली बार की तुलना में इस बार जीडीपी ग्रोथ रेट यानी सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर में वृद्धि देखने को मिली। अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला बुरा असर खत्म हो गया? या मौजूदा तिमाही (जुलाई से सितंबर) में भी जीएसटी का गलत असर फैक्ट्री आउटपुट पर पड़ा रहा है। इन सवालों का जवाब केन्द्र सरकार द्वारा जारी वित्त वर्ष 2017-18 दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी । जीडीपी के इन आंकड़ों के से केन्द्र सरकार को राहत पहुंची है क्योंकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 5.7 फीसदी थी।
पहली तिमाही में विकास दर के आंकड़े 13 तिमाही के निचले स्तर पर पहुंच गया था और इसके लिए आर्थिक जानकारों ने नवंबर 2016 में नोटबंदी समेत बड़े आर्थिक उलटफेर को जिम्मेदार ठहराया । गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 31.66 लाख करोड़ अनुमानित है जबकि पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान यह 29.79 लाख करोड़ थी। केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक कोर सेक्टर की आठ अहम इंडस्ट्री में विकास दर अक्टूबर 2017 के दौरान 4.7 फीसदी रहा। वहीं पिछले साल इसी महीने के दौरान यह आंकड़ा 7.1 फीसदी था।
केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-अक्टूबर के दौरान कोर सेक्टर ग्रोथ गिरकर 3.5 फीसदी पर पहुंच गई जबकि साल दर साल के आधार पर इसी दौरान एक साल पहले यह आंकड़ा 5.6 फीसदी था। केन्द्र सरकार द्वारा जीडीपी में हुए इजाफे में योगदान देने वाले प्रमुख सेक्टरों में मैन्यूफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिसिटी, गैस, वॉटर सप्लाई, ट्रेड, होटल, ट्रांस्पोर्ट और कम्यूनिकेशन जिनमें 6 फीसदी से अधिक ग्रोथ दर्ज हुई है। वहीं सरकार के लिए परेशानी वाले सेक्टर्स में एग्रीक्ल्चर, फॉरेस्ट्री और फिशिंग, माइनिंग और क्वैरिंग, कंस्ट्रक्शन, इंश्योरेंश शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक एग्रीकल्चर सेक्टर में दूसरी तिमाही के दौरान 1.7 फीसदी और माइनिंग और क्वैरिंग में महज 2.6 फीसदी ग्रोथ दर्ज हुई है। केंद्रीय सांख्यिकी अधिकारी (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 5.7 फीसदी था। जीडीपी का यह स्तर बीते तीन साल का सबसे निम्नतम स्तर था। वहीं पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के दौरान जीडीपी विकास दर 7.9 फीसदी थी। वहीं पहली तिमाही का आंकड़ा वित्त वर्ष 2016-17 की चौथी तिमाही के 6.1 फीसदी से घटकर 5.7 फीसदी पर आ थी। पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी थी। इससे पिछले साल जीडीपी की रफ्तार 7.9 फीसदी थी।