नई दिल्ली : वर्ल्ड बैंक ने भारत के जीएसटी को सबसे जटिल करार दिया है। वर्ल्ड बैंक की ‘इंडिया डेवलपमेंट अपडेट’ रिपोर्ट के अनुसार, 115 देशों में भारत में टैक्स रेट दूसरा सबसे ऊंचा है। इन देशों में भी जीएसटी लागू हैं। मोदी सरकार की ओर से बीते साल एक जुलाई को जीएसटी लागू किया गया था। यह रिपोर्ट 14 मार्च को जारी किया गया है। विश्व बैंक ने अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों के आधार पर भविष्य में स्थिति में सुधार आने की उम्मीद जताई है। रिपोर्ट में टैक्स रेट की संख्या कम करने, कानूनी प्रावधान और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की वकालत की गई है। भारत में जीएसटी के तहत पांच स्लैब (0, 5, 12, 18 और 28 फीसदी) बनाए गए हैं।
सभी वस्तुओं और सेवाओं को इसी के तहत रखा गया है। हालांकि कई वस्तुओं और सेवाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर भी रखा है। वहीं कुछ पर काफी कम टैक्स लगाया गया है। अल्कोहल, पेट्रोलियम उत्पाद, रियल एस्टेट पर लगने वाला स्टांप ड्यूटी और बिजली बिल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, वहीं सोने पर तीन फीसदी, कीमती पत्थरों पर 0.25 फीसदी टैक्स लगाया गया है। दुनिया के 49 देशों में जीएसटी के तहत एक और 28 देशों में दो स्लैब हैं।
भारत समेत पांच देशों में इसके अंतर्गत पांच स्लैब बनाए गए हैं। भारत के अलावा इनमें इटली, लक्जेम्बर्ग, पाकिस्तान और घाना जैसे देश शामिल हैं। चारों देशों की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है। अरुण जेटली ने 12 और 18 फीसदी वाले स्लैब को एक करने की बात कही थी। लेकिन, टैक्स जमा करने में सुधार और राजस्व में वृद्धि के बाद ही यह कदम उठाया जाएगा। पिछले साल नवंबर में जीएसटी काउंसिल की गुवाहाटी बैठक में 28 फीसदी के स्लैब को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था।
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