नयी दिल्ली : वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भारत जैसे बड़े देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सफलतापूर्वक लागू किये जाने का पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली को देते हुए शनिवार को कहा कि यदि सभी लोग कोई भी समान खरीदते समय दुकानदार से बिल मांगें जो जीएसटी दरों में चार से पांच फीसदी तक की कमी आ सकती है। श्री गोयल ने जीएसटी के लागू होने के एक वर्ष पूर्व होने की पूर्व संध्या पर अनौपचारिक चर्चा में कहा कि श्री मोदी और श्री जेटली के अथक प्रयासों से ही जीएसटी को हकीकत में बदला जा सका है। इन दोनों ने मिलकर देश के सभी राज्यों के बीच विश्वास का माहौल बनाया जिससे राज्यों ने जीएसटी को लागू करने में पूरा सहयोग किया और अब यदि सभी लोग कोई भी समान खरीदते समय दुकानदारों से बिल मांगें तो जीएसटी दरों में चार से पांच फीसदी की कमी आ सकती है।
उन्होंने मीडिया से स्वच्छता अभियान की तरह ही जीएसटी के तहत बिल मांगने के लिए लोगों में जागरूकता लाने का अभियान चलाने की अपील करते हुए कहा कि यदि सब लोग बिल लेने लगेंगें तो उससे जीएसटी राजस्व संग्रह बढ़गा जिसका लाभ उपभोक्ताओं को भी होगा और राष्ट्र के विकास के लिए भी अधिक राशि मिल सकेगी। उन्होंने जीएसटी बिल मांगो अभियान के लिए ब्रांड अंबेसडर बनाये जाने के सुझाव को स्वीकारते हुये कहा कि ऐसा किया जा सकता है और इसके लिए प्रसिद्ध हस्तियों (सेलिब्रिटी) से चर्चा की जा सकती है।वित्त मंत्री ने जीएसटी के तहत किसी भी तरह की गड़बड़ की जानकारी होने पर उससे सरकार को अवगत कराने की आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह गड़बड़ी अधिकारी या दुकानदार कोई भी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी से जुड़ी शिकायतों के लिए टॉल फ्री शिकायत नंबर जारी करने की तैयारी चल रही है और यह नंबर तीन या चार अंकों का होगा जो 15 दिनों में काम करने लगेगा। उन्होंने कहा कि इस पर मिलने वाली शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी। शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रखा जायेगा अभी एक लाख करोड़ रुपये मासिक जीएसटी राजस्व संग्रह का लक्ष्य श्री गोयल ने कहा कि अभी एक लाख करोड़ रुपये मासिक जीएसटी राजस्व संग्रह का लक्ष्य रखा गया है और चालू वित्त वर्ष में इसके 13 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान है। यदि ऐसा होता है तो जीएसटी दरों में चार से पांच फीसदी तक की कमी आ सकती है जिसका सबसे अधिक लाभ अंतत: उपभोक्ताओं को ही होगा।उन्होंने कहा कि अब तक दुनिया के कई छोटे-छोटे देशों में एक समान कर व्यवस्था लागू की गयी थी लेकिन भारत जैसे बड़ देश में जहां 29 राज्य और सात केन्द्र शासित प्रदेश हैं और जिसकी आबादी 125 करोड़ से अधिक है, पूरी दुनिया में पहली बार एकल अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू की गयी है।
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