भारतीय रिसर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाने के ऐलान का साफ़ असर शेयर बाजार पर दिखाई दे रहा है। RBI द्वारा महंगाई को काबू में करने के लिए गए इस फैसले के बाद इन्वेस्टर्स की बिकवाली थमने का नाम ही नहीं ले रही। जिसके कारण सप्ताह के आखिरी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार औंधे मुँह गिरा। इससे पहले बुधवार और शुक्रवार को भी शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली।
कारोबार की शुरुआत होते ही शुक्रवार को सेंसेक्स करीब 750 अंक गिर गया और 55 हजार अंक के स्तर से भी नीचे आ गया। निफ्टी ने भी कारोबार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ की। निफ्टी भी खुलते ही 290 अंक नीचे आ गया। सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स 900 अंक से ज्यादा गिर चुका था और 54,800 अंक से नीचे ट्रेड कर रहा था। निफ्टी 260 अंक से ज्यादा की गिरावट के साथ 16,400 अंक से थोड़ा ऊपर कारोबार कर रहा था।
अमेरिकी शेयर बाजारों को रास नहीं आया फेडरल रिजर्व का फैसला
भारतीय बाजारों की तरह अमेरिकी शेयर बाजारों को भी वहां के फेडरल रिजर्व का ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला रास नहीं आया। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजार का प्रमुख संवेदी सूचकांक डाऊजोंस 3.12 फीसद यानी 1063 अंक टूट गया। नैस्डैक ने भी 4.99 फीसद का गोता लगाया और एसएंडपी 153 अंक यानी 3.56 फीसद लुढ़कर कर बंद हुआ।
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अमेज़न के शेयर 7.56%, फेसबुक के शेयर 6.77% तो वहीं टेस्ला के शेयर 8.33% टूटकर बंद हुए। इसका असर आज घरेलू शेयर बाजार पर भी दिख रहा है। प्री-ओपनिंग में रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़ सभी स्टॉक लाल निशान पर थे। सेंसेक्स 773 अंक नीचे था, जबकि निफ्टी 16415 के स्तर पर आ गया था।
RBI के अलावा फेडरल रिजर्व ने भी की पॉलिसी रेट में बढ़ोतरी
रिजर्व बैंक नेबुधवार को दोपहर अचानक रेपो रेट बढ़ाने का ऐलान किया। अगस्त 2018 के बाद पहली बार भारत में ब्याज दरों में बदलाव किया गया है। अभी तक रेपो रेट 4% के निचले स्तर पर था, लेकिन अब यह बढ़कर 4.40% हो गया है। इसके साथ ही अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ने पॉलिसी रेट को 0.50 फीसदी बढ़ा दिया। बैंक ऑफ जापान, बैंक ऑफ इंग्लैंड समेत तमाम सेंट्रल बैंक महंगाई के कारण रेट बढ़ा रहे हैं। इसके चलते इन्वेस्टर्स लगातार बिकवाली कर रहे हैं।