आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि भारत के लिए मध्यावधि की प्राथमिकताओं में क्रिप्टो संपत्ति का विनियमन और डिजिटल मुद्रा शामिल हैं। आईएमएफ के वित्तीय सलाहकार और मौद्रिक तथा पूंजी बाजार विभाग के निदेशक टोबियास एड्रियन ने यह बात कही। उन्होंने मीडिया को बताया कि इसके अलावा बैंकिंग क्षेत्र में शेष नियामक चिंताओं को दूर करने और वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ एकीकरण जैसे संरचनात्मक मुद्दों पर भी भारत खास जोर दे रहा है।
आईएमएफ भारत को एक बेहद सकारात्मक तरीके से देख रहा है
एड्रियन ने कहा कि कुल मिलाकर आईएमएफ भारत को एक बेहद सकारात्मक तरीके से देख रहा है। उन्होंने आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठक के मौके पर कहा, मुझे लगता है कि कई अवसर हैं। भारत में पुनरुद्धार हो रहा है। नए वृद्धि के अवसरों, नए विकास के बारे में बहुत उत्साह है। उन्होंने कहा, हम हमेशा मानते हैं कि विकास समावेशी है, और सभी लोगों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन भारत को लेकर हमारा सामान्य नजरिया काफी सकारात्मक है।
आईएमएफ भारत को एक बेहद सकारात्मक तरीके से देख रहा है
एड्रियन ने कहा कि कुल मिलाकर आईएमएफ भारत को एक बेहद सकारात्मक तरीके से देख रहा है। उन्होंने आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठक के मौके पर कहा, मुझे लगता है कि कई अवसर हैं। भारत में पुनरुद्धार हो रहा है। नए वृद्धि के अवसरों, नए विकास के बारे में बहुत उत्साह है। उन्होंने कहा, हम हमेशा मानते हैं कि विकास समावेशी है, और सभी लोगों को प्रभावित कर रहा है, लेकिन भारत को लेकर हमारा सामान्य नजरिया काफी सकारात्मक है।
भारत क्या कर रहा है, इस पर हमारी नजर है : आईएमएफ अधिकारी
आईएमएफ अधिकारी ने कहा कि, मध्यावधि में संरचनात्मक मुद्दों की बात करें तो भारत के एजेंडे में क्रिप्टो करेंसी परिसंपत्तियों को विनियमित करना काफी ऊपर है। देश को आने वाले वर्षों में इसका समाधान तलाशना होगा। उन्होंने आगे कहा कि, भारत का केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं पर विचार कर रहा है जो वित्तीय समावेशन और वित्तीय विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने कहा, भारत क्या कर रहा है, इस पर हमारी नजर है। हम इन नीतिगत घटनाक्रमों का स्वागत करते हैं।