मुंबई : वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने सोमवार को IDBI बैंक को क्रेडिटवाच (साखनिगरानी) की सूची से हटा दिया है। इसके साथ ही एजेंसी ने दीर्घकालिक कर्ज विदेशी मुद्रा कर्ज के लिए बैंक की ‘बीबी’ रेटिंग और अल्पकालिक कर्ज के लिये ‘बी’ रेटिंग की पुष्टि की है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने हाल ही में आईडीबीआई बैंक में नई पूंजी डाली है। बैंक ने जानकारी दी है कि उसे एलआईसी से 14,500 करोड़ रुपये की पूंजी प्राप्त हुई है।
एलआईसी की ओर से यह पूंजी डालने का काम IDBI बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के प्रस्तावित अधिग्रहण के तहत किया गया है। एलआईसी की ओर से इस अधिग्रहण सौदे के तहत कुल 17,000- 20,230 करोड़ रुपये तक का लेनदेन किया जाना है। यह राशि 30 सितंबर, 2018 को बैंक की कुल पूंजी 13,860 करोड़ रुपये से अधिक है।
रेटिंग एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि इस तरह की बड़ी पूंजी बैंक में डालने से हमारे इस विचार को समर्थन मिलता है कि सरकार की तरफ से बैंक को काफी ऊंचा समर्थन प्राप्त हो सकता है। एलआईसी के पूंजी समर्थन से IDBI बैंक अपने फंसे कर्ज को बट्टे खाते में डालने के काम में तेजी ला सकती है और दबाव वाली संपत्ति के समक्ष उपयुक्त प्रावधान कर सकती है।
एजेंसी ने ऋण निगरानी से भी बैंक की रेटिंग को हटा लिया है। इससे पहले बैंक को 17 अगस्त, 2018 को नकारात्मक प्रभाव के साथ इसमें रखा गया था।