नई दिल्ली : भारतीय कंपनियों ने 2017-18 के दौरान शेयर बाजार के जरिये 1,77,116 करोड़ रुपये जुटाये हैं। यह किसी भी वित्त वर्ष में जुटायी गयी सर्वाधिक राशि है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है। प्राइम डेटाबेस की जारी रिपोर्ट में कहा गया कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गम और पात्र संस्थागत निवेश (क्यूआईपी) इस दौरान पूंजी जुटाने का प्रमुख जरिया रहा है। प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा कि 2017-18 के दौरान सार्वजनिक शेयर बाजार से कंपनियों ने 1,77,116 करोड़ रुपये जुटाये जो पिछले वित्त वर्ष की जुटायी पूंजी का 3.46 गुना है। वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान कंपनियों ने शेयर बाजारों के जरिये 51,120 करोड़ रुपये जुटाये थे। रिपोर्ट के अनुसार, इससे पहले सर्वाधिक पूंजी जुटाने का रिकॉर्ड 2009-10 के नाम था।
तब शेयर बाजारों के जरिये 86,710 करोड़ रुपये जुटाये गये थे। हल्दिया ने कहा कि 2017-18 आईपीओ के लिहाज से भी सबसे अच्छा साल रहा है। इस दौरान 45 आईपीओ के जरिये 82,109 करोड़ जुटाये गये। इससे पहले का सर्वाधिक स्तर 2007-08 में 41,323 करोड़ रुपये रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि खुदरा निवेशकों के लिहाज से भी इस साल अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। इस दौरान एसएमई में भी उल्लेखनीय गतिविधियां रही हैं। इस दौरान सर्वाधिक 155 एसएमई आईपीओ आये और सम्मिलित तौर पर इन्होंने 2,247 करोड़ रुपये जुटाये। पहले से सूचीबद्ध कंपनियों को क्यूआईपी के जरिये अच्छा निवेश प्राप्त हुआ।
52 कंपनियों ने इस तरह से 62,358 करोड़ रुपये जुटाये। विनिवेश के लिहाज से भी यह साल शानदार रहा। इस दौरान सरकार ने विनिवेश के जरिये 98,965 करोड़ रुपये जुटाये। हालांकि बांड बाजार के लिए साल निराशाजनक रहा। इस दौरान आठ इश्यू के जरिये 4,861करोड़ रुपये जुटाये गये। वित्त वर्ष 16-17 में 16 इश्यू के जरिये 29,547 करोड़ रुपये जुटाये गये थे। हल्दिया के अनुसार 2018-19 के दौरान द्वितीयक बाजार में उथल-पुथल देखी जा सकती है जिससे कंपनियों की पूंजी जुटाने की योजनाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहाँ क्लिक करें।