नई दिल्ली : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने आकांक्षी युवाओं को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने तथा विभिन्न मोर्चों पर चीन के साथ प्रतिस्पर्धा के लिये तीव्र वृद्धि पर आज जोर दिया। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी के लिये जब तक अच्छे रोजगार सृजित नहीं होते हैं, जनसांख्यिकीय संबंधी लाभ दुस्वप्न में तब्दील हो जाएंगे। इंस्टीट्यूट फार स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के स्थापना दिवस समारोह में एक व्याख्यान में कुमार ने कहा कि देश की हमारी युवा पीढ़ी खराब गुणवत्ता वाले रोजगार और ऐसी वृद्धि दर को स्वीकार नहीं करेगी जो कि उनकी आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर सकती। यदि हम नहीं चाहते हैं कि यह व्यापक ऊर्जा, जिसे जनसांख्यिकीय बदलाव के तौर पर कहा जा रहा है। इसे जनसांख्यिकीय दुस्वपन में नहीं बदलने देना चाहते हैं, जो कि मेरे मुताबिक बहुत जल्द हो सकता है, यदि ऐसा नहीं होने देना चाहते हैं तो हमें अपनी वृद्धि की रफ्तार को तेज करना होगा और वृद्धि दर को अधिक समावेशी बनाना होगा।
कुमार ने चीन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत उत्तरी सीमा से बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि 30 साल पहले चीन विकास के उसी स्तर पर था जहां भारत था। लेकिन अब वह भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार से पांच गुना बड़ा है। कुमार ने कहा कि अपने भाग्य को हाथ में लेने तथा स्वयं को मजबूत बनाने का समय आ गया है क्योंकि अंत में यह मजबूती ही हमें आपदा से बचाएगी।यह आपदा उस स्थिति में आयेगी जब हम यदि अपनी आर्थिक वृद्धि को रफ्तार नहीं देने का फैसला करते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि भारत उच्च आय वाले देशों की जमात में हमारे इसी जीवनकाल में आ जायेगा।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि हमारी वृद्धि दर हाल में बढ़ी है। मुझे उम्मीद है कि हम 2022 के अंत तक दहाई अंक में पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2500 अरब डालर तथा 2022-23 तक 4,000 अरब डालर हो जाएगा। उन्होंने निर्यात को बढ़ावा देने के उपायों पर भी जोर दिया। कुमार ने कहा , ‘‘हमें निर्यात संवर्द्धन नीति की जरूरत है … हमें ऊर्जा की लागत में कमी लाने के लिये बेहतर और प्रभावी आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने की जरूरत है।’’
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