नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड पर जनता के 98 हजार करोड़ रुपए के फंड में हेराफेरी के आरोपों में दायर याचिका पर आरबीआई को नोटिस भेज जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने आईएचएफएल, सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, नेशनल हाउसिंग बैंक व सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस को भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इन सभी को दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी।
याचिका एनजीओ सिटीजंस विस्सल ब्लोअर फोरम ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि आईएचएफएल ने अपने प्रवर्तकों और ग्रुप की विभिन्न कंपनियों के माध्यम से बड़ी कॉरपोरेट समूह के स्वामित्व वाली कंपनियों को संदिग्ध कर्ज दिया। याचिका में आरोपों की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि इस कर्ज की हेराफेरी कर इंडिया बुल्स के प्रवर्तकों की स्वामित्व वाली कंपनियों के खाते में डाल दिया गया। इसका मकसद उनकी निजी संपत्ति को बढ़ाना था।
याचिका के मुताबिक इन आर्थिक अनियमितताओं के कारण इंडिया बुल्स में निवेश करने वाले शेयरधारकों को नुकसान हुआ। इंडिया बुल्स ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा था। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी सहित सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हाईकोर्ट ने गलत बयानी प्रचार-प्रसार करने पर रोक लगा दी थी। कंपनी ने सुब्रमण्यम स्वामी के कंटेंट को ध्यान रख कर याचिका दायर की थी। कंपनी ने कहा कि हमारी कंपनी भारत की सबसे बेहतर हाउसिंग कॉपरेटिव है। लिहाजा एनजीओ द्वारा दायर की गई इस याचिका पर नोटिस जारी नहीं किया जाना चाहिए।
ये दुर्भावना से दाखिल की गई याचिका है। इंडियाबुल्स ने हाईकोर्ट को कहा कि अगर इस याचिका पर नोटिस जारी किया गया तो शेयर गिर जाएंगे। कंपनी ने कोर्ट को बताया कि जैसे ही एनजीओ ने इस याचिका को कोर्ट में डाला, सुनवाई से पहले ही याचिका की कॉपी को मीडिया में बांट दिया गया। जिससे कंपनी के शेयर 25 फीसदी तक नीचे गिर गए।