नई दिल्ली : देश-दुनिया में आर्थिक सुस्ती के बीच भारत में आने वाली तीसरी तिमाही के दौरान 19 प्रतिशत नियोक्ता ही नये लोगों को नौकरी देने की योजना बना रहे हैं जबकि 52 प्रतिशत नियोक्ताओं को अपने कार्यबल में किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं है। एक वैश्विक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है। वैश्विक संस्था मैनपावर ग्रुप एम्पलायमेंट आउटलुक का यह अध्ययन मंगलवार को जारी किया गया। इस अध्ययन में देशभर में 5,131 नियोक्ताओं से अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही के दौरान आर्थिक परिवेश और नयी नौकरियों की संभावना को लेकर बातचीत की गई।
बातचीत के दौरान केवल 19 प्रतिशत नियोक्ताओं ने ही कहा कि उन्हें अपने कार्यबल में वृद्धि की उम्मीद है जबकि 52 प्रतिशत ने कहा कि उनके कर्मचारियों की संख्या में किसी तरह का बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। इसके अलावा 28 प्रतिशत ऐसे नियोक्ता भी थे जिन्होंने कहा कि मौजूदा कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि के बारे में वह कुछ नहीं कह सकते हैं। नई नौकरियों की योजना के बारे में अपेक्षाकृत हल्के आंकड़ों के बावजूद अगले तीन महीनों के दौरान नई नौकरियों के सृजन को लेकर भारत दुनिया में चौथे नंबर पर रहा है।
अगली तिमाही में नयी नौकरियों की योजना के मामले में जापान पहले, ताइवान दूसरे और अमेरिका तीसरे नंबर पर रहा जबकि भारत का स्थान चौथा रहा है। जापान में 26 प्रतिशत नियोक्ताओं ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में नये लोगों को नौकरी देने की अपनी योजना के बारे में बताया। इसके बाद ताइवान में 21 प्रतिशत, अमेरिका में 20 प्रतिशत ने कहा कि उनकी अगली तिमाही के दौरान नये लोगों को नौकरी पर रखने की योजना है।