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‘महायुद्ध’ के चलते भारतीय कंपनी Tata Steel ने लिया बड़ा फैसला! रूस के साथ व्यापार पर लगाएगी विराम

टाटा स्टील ने घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी रूस के साथ व्यापार करना बंद कर देगी और व्यापार निरंतरता के लिए भारत, यूके और नीदरलैंड में इसकी साइटों ने कच्चे माल की वैकल्पिक आपूर्ति की है।

टाटा स्टील ने घोषणा करते हुए कहा कि कंपनी रूस के साथ व्यापार करना बंद कर देगी और व्यापार निरंतरता के लिए, भारत, यूके और नीदरलैंड में इसकी साइटों ने कच्चे माल की वैकल्पिक आपूर्ति की है। टाटा स्टील यूरोप ने देर शाम अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा, “हमने रूस के साथ व्यापार करना बंद करने का निर्णय लिया है। व्यापार निरंतरता को  सुनिश्चित करने के लिए भारत, यूके और नीदरलैंड में हमारे सभी इस्पात निर्माण स्थलों ने रूस पर अपनी निर्भरता को समाप्त करने के लिए कच्चे माल की वैकल्पिक आपूर्ति की है।” 
भारतीय कंपनियों ने रूस के खिलाफ अपनाया सख्त रुख 
यह पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय व्यापारिक समूह ने रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते युद्ध के आलोक में रूस के साथ व्यापार करने के खिलाफ इतना कड़ा रुख अपनाया है। टाटा स्टील के यूरोप परिचालन में पिछली कुछ तिमाहियों में सुधार देखा गया है। Q3FY22 में राजस्व 56% y-o-y से बढ़कर 2,246 मिलियन पाउंड हो गया, जबकि एबिटा £ 290 मिलियन था, जिसका अर्थ है कि प्रति टन £ 134 का एबिटा।
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टाटा स्टील के सीईओ और एमडी ने यूरोप के कारोबार पर कही थी यह बात 
टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टी वी नरेंद्रन ने हाल ही में कहा था कि कंपनी को यूरोप के कारोबार में कोई और पूंजी नहीं लगानी पड़ी है और सभी कार्यों के साथ यूके और डच व्यवसाय अपने दम पर खड़े हो पाए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कंपनी ने यूरोप के कारोबार को बेचने की योजना को टाल दिया है और साथ ही व्यवसायों में सुधार देखा जा रहा है और कंपनी विनिवेश के बिना काफी हद तक लाभ उठाने में सक्षम है।
टाटा स्टील से पहले इंफोसिस ने बनाई थी रूस से दूरी
बता दें कि टाटा स्टील के बयान से यह साफ होता है कि कंपनी रूस में ना कोई कंपनी और ना ही कोई ऑपरेशन चलाएगी। रूस में कंपनी का कोई कर्मचारी भी नहीं है, बता दें कि रॉयटर्स की खबर के मुताबिक टाटा स्टील अपनी फैक्ट्री चलाने और स्टील बनाने के लिए रूस से कोयला आयात करती है। भारत के अलावा कंपनी के स्टील कारखाने ब्रिटेन और नीदरलैंड में है। वहीं देश कि सबसे बड़ी दूसरी कंपनी इंफोसिस ने पिछले हफ्ते रूस से बाहर जाने का ऐलान किया था। रूस-यूक्रेन में जारी महायुद्ध के बीच मास्को पर कई कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जिस कारण बहुत सी बड़ी कंपनियों ने रूस से बाहर निकलने का फैसला लिया है।
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