मुंबई : शेयरों पर दीर्घावधि का पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) लगाने के प्रस्ताव पर विवाद के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि पूंजी पर पांच अलग तरह के शुल्क लगते हैं, जिससे निवेश और बचत प्रभावित होती है। रिजर्व बैंक मुख्यालय में मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद पटेल ने कहा कि कंपनियों पर कॉरपोरेट कर लगता है, लाभांश वितरण कर, 10 लाख से अधिक की लाभांश आय पर, प्रतिभूति लेनदेन कर और पूंजीगत लाभ कर पहले से लगता है।
उन्होंने कहा कि कुल पांच तरीके के कर हैं। ये निश्चित रूप से निवेश और बचत के फैसलों को प्रभावित करते हैं। जीडीपी के समक्ष निवेश का अनुपात निम्न रहने के विषय में प्रश्न किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत पूंजी पर कई स्रोतों से कराधान लगता है। मेरा मानना है कि इनकी दरें सीमित होने के बावजूद इनका बोझ पड़ता है।
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