नई दिल्ली : देश के शहरी इलाकों की तुलना में गांवों में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बहुत कम है। विशेषज्ञों ने इस बड़े अंतर (डिजिटल डिवाइड) पर चिंता जताते हुए सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की है। एक ताजा अध्ययन के अनुसार देश के शहरी व ग्रामीण इलाकों में इंटनेट का इस्तेमाल करने वाली जनसंख्या में तीन गुना तक का अंतर है। शहरों में सौ में से जहां 60 लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं वहीं ग्रामीण इलाकों में यह संख्या सिर्फ 20 है। केंटर-आईएमआरबी के ताजा अध्ययन के अनुसार शहरी इलाकों में इंटरनेट घनत्व दिंसबर 2017 में बढ़कर 64.84 प्रतिशत हो गया जो कि एक साल पहले 60.6 प्रतिशत था। इसकी तुलना में ग्रामीण इलाकों में दिसंबर 2017 में यह घनत्व केवल 20.26 प्रतिशत रहा।
रपट में आगाह किया गया है कि देश के शहरी व ग्रामीण इलाकों की कुल आबादी में अंतर को देखते हुए इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों का अंतर बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अनुसार यह डिजिटल डिवाइड काफी बड़ा है जिस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन आफ इंडिया (आईएएमएआई) के अध्यक्ष सुभो राय ने हालांकि कहा कि इसको (डिजिटल डिवाइड)लेकर चिंतित नहीं होना चाहिए लेकिन इसकी अनदेखी भी नहीं की जा सकती। राय के अनुसार ग्रामीण इलाकों में भी इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों में अंतर है। महिलाओं व आर्थिक तौर पर गरीब तबकों की इंटरनेट तक पहुंच बहुत कम है।
केंटर-आईएमआरबी के कार्यकारी उपाध्यक्ष विश्वप्रिय भट्टाचार्य के अनुसार हाल ही के वर्षों में ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। 2017 में ही इसमें 14.11 प्रतिशत बढोतरी हुई और कुल उपयोक्ताओं की संख्या लगभग 18.6 करोड़ हो गई। लेकिन इस तेज वृद्धि की वजह पिछला तुलनात्मक स्तर काफी कम रहना है और ग्रामीण भारत में इस लिहाज से हालात अभी ज्यादा अच्छे नहीं हैं।
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