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ITR 2019-20 : इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में अब सिर्फ दो दिन बाकी

आयकर विभाग ने कोरोना संकट की वजह से असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी थी। इसमें अब सिर्फ दो दिन बचे है।

आयकर विभाग ने कोरोना संकट की वजह से असेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तारीख बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी थी। अब इसमें आज से लेकर सिर्फ दो दिन बचे है। आखिरी समय की जल्दबाजी से बचने के लिए आप भी जल्द से जल्द अपना आईटीआर फाइल कर लें। टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बारे में लोगों को कई बातों को लेकर कनफ्यूजन भी रहता है। बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई के बारे में भी आईटीआर में जानकारी देने को लेकर कई लोगों को कनफ्रयूज़न रहता है। 
इनकम टैक्स नियमों के तहत, क्रिप्टोकरंसी से मिलने वाले लाभ को कैपिटल गेन्स या बिजनेस इनकम की श्रेणी में माना जाता है। इस मामले से जुड़े एक जानकार ने बताया कि दो मामलों में ही क्रिप्टोकरंसी से जुड़े लेन-देन को इनकम टैक्स में रिपोर्ट किया जाता है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले यह ध्यान देना होगा कि अगर कोई टैक्सपेयर क्रिप्टोकरंसी होल्ड करता है और उनक टैक्सेबल इनकम 50 लाख रुपये से ज्यादा है तो उन्हें अपने आईटीआर में क्रिप्टोकरंसी को एक ऐसट के तौर पर रिपोर्ट करना होगा। 
जब वो क्रिप्टोकरंसी की खरीद या बिक्री करते हैं तो इससे होने वाले फायदे या नुकसान को ‘इनकम फ्रॉम कैपिटग गेन्स’ के तौर पर दिखाना होगा। 36 महीने से भी कम समय के लिए किसी एसेट को होल्ड करने पर होने वाले फायदे/नुकसान को छोटी अवधि वाला और इससे ज्यादा समय तक होल्ड करने पर फायदे/नुकसान को लंबी अवधि माना जाएगा। 
एक अन्य जानकार इस बारे में आगे की जानकारी देते हुए बताते हैं कि बिटकॉइन होल्ड करने वाले दो तरह के होते है। पहल माइनर्स और दूसरे इन्वेस्टर्स होते है। माइनर्स को बिटकॉइन ट्रांजैक्शन की माइनिंग से कमाई होती है। इन माइन कॉइन की बिक्री करने पर अधिग्रहण खर्च नहीं होता है। सेक्शन 55 में भी अधिग्रहण खर्च के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में माइन किए गए बिटकॉइन पर कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं वसूला जा सकेगा। 
अगर किसी ने बिटकॉइन में इन्वेस्ट किया है तो निवेशक अधिग्रहण खर्च और खरीदे गए बिटकॉइन को बेचते समय सेल वैल्यू तय किया जाता है। इसके बाद बिटकॉइन की इस बिक्री पर होने वाली फायदे/नुकसान पर शॉर्ट/लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा। टैक्सपेयर्स को यह भी ध्यान देना होगा कि कैपिटल गेन्स वाले व्यक्ति या क्रिप्टोकरंसी के जरिए बिजनेस इनकम प्राप्त करने वाले लोगों को आईटीआर-2 और आईटीआर-3 फॉर्म उनके रिटर्न भरने के लिए होता है। 

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