अगर आप नौकरी करते हैं तो इस बार वित्त मंत्री अपने बजट में आपको शानदार तोहफा दे सकते हैं। देश के सबसे बड़े टैक्स रिफॉर्म जीएसटी के बाद अगला रिफॉर्म हर महीने वेतन पाने वालों के लिए हो सकती है। ईटी नाउ के मुताबिक, सरकार सैलरी स्ट्रक्चर में बहुत बड़ा बदलाव करने वाली है। इसमें सैलरी क्लास के लिए टैक्स फ्री खर्च के तौर पर स्टैंडर्ड डिडक्शन किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पीएमओ और फाइनेंस मिनिस्ट्री इस पर अभी आखिरी फैसला लेने वाले हैं।
अगर इस साल बजट में फाइनेंस मिनिस्ट्री अपने भाषण में सैलरी क्लास के लिए इस व्यवस्था का ऐलान नहीं करते हैं तो कम से कम इस बारे में कुछ संकेत जरूर दे सकते हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है, ‘आज पॉलिसीमेकर के तौर पर फाइनेंस मिनिस्टर यह समझते हैं कि जो बिजनेस नहीं करते हैं, सैलरी क्लास हैं उन्हें पर्सनल इनकम टैक्स से राहत चाहिए।’ सैलरी क्लास को स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ इन्हें बिजनेस क्लास के बराबर लाने की कोशिश की जाएगी।
उदाहरण के तौर पर बिजनेसमैन को ऑफिस रेंट, ड्राइवर की सैलरी, ऑफिशियल एंटरटेनमेंट, ट्रैवल जैसे टैक्स फ्री खर्च का फायदा मिलता है। यानी इन चीजों पर खर्च की गई रकम पर बिजनेसमैन को कोई टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है. दूसरी तरफ सैलरी क्लास को एलटीए या एचआरए क्लेम करने में भी दिमाग लगाना पड़ता है. एचआरए की जो लिमिट तय है वह पुरानी हो चुकी है। साथ ही सैलरी क्लास के लिए मेडिकल भी 15,000 रुपए सालाना है, जो आज के लाइफस्टाइल के हिसाब से काफी कम है।
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