नई दिल्ली : नकदी के संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के पायलटों ने कहा कि 3 महीने से वेतन नहीं मिलने की वजह से वो आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। हालत ये हो गई है कि कई पायलट ज्वेलरी गिरवी रखकर लोन लेने को मजबूर हो गए हैं। पायलट्स का कहना है कि मौजूदा हालात में कार और घर के लोन की किश्त चुकाना भी मुश्किल हो गया है।
उनके साथ ही एयरलाइन के इंजीनियरों और दूसरे अहम सेगमेंट के कर्मचारियों को जनवरी महीने से सैलरी नहीं मिली है। पायलट्स ने कहा है कि हम सभी की आर्थिक जिम्मेदारियां हैं। हमें डर है कि एयरलाइन अचानक ठप हो सकती है। पायलट्स ने दोहराया है कि 31 मार्च तक उनका बकाया भुगतान हो और एयरलाइन के भविष्य को लेकर स्थिति साफ की जाए। ऐसा नहीं हुआ तो उड़ानें बंद कर देंगे।
बच्चों की स्कूल फीस चुकाने के पैसे नहीं : को-कमांडर रैंक के एक पायलट ने बताया कि अप्रैल में बच्चे की तिमाही स्कूल फीस जमा करनी है लेकिन गहने या कार को गिरवी रखे बिना फीस भरना संभव नहीं लग रहा। दूसरी एयरलाइन में नौकरी का आवेदन किया है लेकिन इंडस्ट्री की हालत को देखते हुए सुरक्षित नौकरी पाने में वक्त लग सकता है। पायलट्स की यूनियन नेशनल एविएटर्स गिल्ड ने प्रधानमंत्री कार्यालय और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से भी दखल की अपील की है।
इससे पहले पायलट्स श्रम मंत्रालय को भी चिट्ठी भेज चुके हैं। जेट एयरवेज के फिलहाल 1,900 पायलट्स ऑन रोल हैं। दूसरी एयरलाइंस उन्हें लुभावने ऑफर देकर तोड़ने की कोशिश कर रही हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक 20 मार्च को जेट के 260 पायलट स्पाइसजेट में नौकरी के लिए आवेदन कर चुके हैं। इनमें से 150 सीनियर कमांडर हैं।
जेट एयरवेज के प्रवक्ता का कहना है कि प्रबंधन को यकीन है कि आने वाले दिनों में एयरलाइंस को मौजूदा हालात से उबार लिया जाएगा। एयरलाइंस और इसके प्रमुख शेयर होल्डर्स बैंक के प्रॉविजनल रिजोल्यूशन प्लान को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं।