मुंबई : नकदी संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने बैंक की अगुवाई में कर्ज समाधान योजना (बीएलआरपी) को मंजूरी दे दी है। इसके तहत कर्जदाताओं के कर्ज को इक्विटी शेयर में बदला जाएगा। इससे वे एयरलाइन के सबसे बड़े शेयरधारक बन जाएंगे।
रिजर्व बैंक के 12 फरवरी, 2018 के परिपत्र के अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई में बैंकों ने अस्थायी पुनर्गठन योजना तैयार की है। एयरलाइन ने शेयर बाजारों को दी सूचना में कहा कि अस्थायी समाधान योजना में 8,500 करोड़ रुपये के वित्त की कमी का अनुमान लगाया है। इसमें विमान कर्ज के एवज में 1,700 करोड़ रुपये के भुगतान का प्रस्ताव शामिल है।
इस कमी को शेयर पूंजी डालने, कर्ज पुनर्गठन, बिक्री / पट्टा वापसी / विमान का पुनर्वित्त समेत अन्य माध्यमों से पूरा किया जाएगा। समाधान योजना में कर्जदाताओं को इक्विटी शेयर आबंटित करने का विचार है। इसके तहत कर्जदाताओं के कर्ज को 10-10 रुपये के 11.40 करोड़ शेयरों में तब्दील करने का प्रस्ताव है। इससे एयरलाइन को कर्ज दे दखे कर्जदाता कंपनी में सबसे बड़े शेयरधारक बन जाएंगे।
तीसरी तिमाही में हुआ 587 करोड़ रुपये का घाटा
नकदी संकट का सामना कर रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज को 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही में एकल आधार पर 587.77 करोड़ रुपये का एकल शुद्ध घाटा हुआ। पिछले वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में उसे 165.25 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। जेट एयरवेज ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी परिचालन आय 6,147.98 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की तीसरी तिमाही में 6,086.20 करोड़ रुपये थी।
इस दौरान कंपनी का कुल खर्च 2017-18 की तीसरी तिमाही में 6,042.58 करोड़ रुपये से बढ़कर 2018-19 की इसी तिमाही में 6,786.15 करोड़ रुपये हो गया।