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गोल्ड : सरकार द्वारा बजट में गोल्ड पर आयात शुल्क में भारी कटौती के बाद गोल्ड ज्वेलरी की बिक्री में 22-25 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया गया है। क्रिसिल रेटिंग्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, संगठित क्षेत्र के ज्वेलर्स की आय इस वित्तीय वर्ष में सालाना आधार पर इस वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं, जबकि पहले यह आंकड़ा 17-19 प्रतिशत था।
Highlight :
बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था। इसके चलते सोने की कीमतों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो सीधे तौर पर ज्वेलरी के संगठित बाजार में मांग को बढ़ावा देने का कारण बन रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गोल्ड की कीमतों में आई कमी ने ज्वेलर्स के लिए अधिक बिक्री की संभावनाएं बढ़ा दी हैं, हालांकि इससे इन्वेंट्री में थोड़े नुकसान का सामना करना पड़ा है। लेकिन इस नुकसान का असर काफी सीमित रहेगा क्योंकि मांग में सुधार हुआ है।
क्रिसिल रेटिंग्स के डायरेक्टर हिमांक शर्मा ने बताया कि आयात शुल्क की कमी ज्वेलर्स के लिए एक अच्छा मौका है कि वे त्योहारी सीजन और आने वाले शादियों के सीजन के लिए गोल्ड का पर्याप्त स्टॉक जमा कर सकें। इस अवधि के दौरान उम्मीद की जाती है कि ज्वेलर्स का कैश फ्लो बेहतर रहेगा, जिससे उन्हें विस्तार की संभावनाएं प्राप्त होंगी। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ऑपरेशनल मुनाफा 40 से 60 आधार अंक कम होकर 7.1 प्रतिशत से 7.2 प्रतिशत के बीच रह सकता है। फिर भी, इस वृद्धि की वजह से ज्वेलर्स के फाइनेंशियल मीट्रिक्स की स्थिति आरामदायक बनी रहेगी और क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेगी।
क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट डायरेक्टर गौरव अरोड़ा ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में ज्वेलर्स की वित्तीय स्थिति पहले की अपेक्षाओं से बेहतर होगी। इससे क्षेत्र में स्थिरता और मजबूत विस्तार की संभावना बढ़ रही है। आयात शुल्क में कटौती से अपेक्षित लाभ को देखते हुए, संगठित गोल्ड ज्वेलरी बाजार में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में मजबूत संकेत मिल रहे हैं, जिससे आने वाले महीनों में इस क्षेत्र की वृद्धि की उम्मीदें बढ़ गई हैं