देश भर में फैले कोरोना वायरस के कारण देश को इस वक़्त भारी वित्तीय घाटा हुआ है इसी क्रम में निजी क्षेत्र के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के वरिष्ठ प्रबंधकों ने कोरोना वायरस के प्रभाव के मद्देनजर स्वेच्छा से अपने वेतन में से 10 प्रतिशत कम वेतन लेने की घोषणा की है। बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने भी अपने वेतन में 30 प्रतिशत कटौती स्वीकार की है।
बैंक ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसके वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों ने चालू वित्त वर्ष में स्वैच्छिक रूप से 10 प्रतिशत कम वेतन लेने की घोषणा की है। बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी. विजयनाथन ने भी अपने वेतन में 30 प्रतिशत कटौती की है। बैंक ने सभी कर्मचारियों को बनाए रखने की बात भी कही। इसमें महामारी से पहले नए भर्ती किए गए कर्मचारी भी शामिल हैं। बैंक ने कोविड-19 महामारी के बावजूद 2019-20 की बची अवधि के लिए अपने 78.2 प्रतिशत कर्मचारियों को 100 प्रतिशत परिवर्तनीय वेतन का भी भुगतान किया है।
बैंक ने जानकारी दी कि उसके कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन देकर कुल 3.29 करोड़ रुपये ‘आकस्मिक स्थितियों के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष’ (पीएम केयर्स) में दिए हैं। बैंक ने पीएम केयर्स में पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है। जबकि उसके प्रबंध निदेशक ने निजी तौर पर कोविड-19 राहत कार्य में 47 लाख रुपये का योगदान दिया है।
बैंक की कोरोना वायरस के राहत कार्यों के लिए कुल 10.86 करोड़ रुपये का योगदान किया गया है। इसमें बैंक की ‘आस्क फॉर मास्क’ (मास्क के लिए पूछें), ‘गांव-गांव मास्क’, ‘श्रमिक सहायता कार्यक्रम’, ‘शेयर ए मील’ (साझा करें भोजन), ‘कोविड वारियर्स ऑन व्हील’ (कोविड-19 से लड़ रहे डिलिवरी कर्मी) और गिव इंडिया फाउंडेशन के साथ शुरू की गयी राहत पहलें शामिल हैं।