नई दिल्ली : निजी निवेश की सुस्ती पर चिंता जताते हुए 15 वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने शुक्रवार को कहा कि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए नई सरकार को भूमि और श्रम समेत अन्य क्षेत्रों की चुनौतियों में सुधार की शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि राजकोषीय सूझबूझ, सतत दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि का महत्वपूर्ण अंग है और यह दीर्घकालिक वृहद आर्थिक स्थिरता का मुख्य अवयव है।
एसोचैम की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि वृहद आर्थिक स्थिरता उन चीजों में से एक है जो कि भारत की उच्च आर्थिक वृद्धि के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। सिंह ने सुधार के मोर्चे पर कहा कि एक चीज है, जिसमें सुधार की जरूरत है और वो है उत्पादन के कारक-श्रम, भूमि और पूंजी। इन तीनों क्षेत्रों में सुधार नहीं हुआ है। हम उत्पादन के कारकों में सुधार हासिल करने में विफल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि श्रम कानून अब भी बहुत जटिल है और दीर्घकालिक अनुबंध और विवाद समाधान जैसे कुछ मुद्दों पर फिर विचार करके सुधार लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और लागत पर भी ध्यान देने की जरूरत है। सिंह ने कहा कि पूंजी की लागत भी उच्च स्तर पर है, जिसे नीचे लाने की जरूरत है ताकि कारोबारी इकाइयां वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लायक बन सके।