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मेक इन इंडिया : भारत के डिफेंस सेक्टर को 'मेक इन इंडिया' पहल के सकारात्मक प्रभाव का लाभ मिल रहा है, और वित्त वर्ष 2024 से 2030 तक इस क्षेत्र की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 14 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। इन्वेस्टमेंट फर्म जेफरीज की हालिया रिपोर्ट में इस आशा का इज़हार किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक तनावों और सरकार के स्थानीयकरण प्रयासों के चलते भारतीय डिफेंस कंपनियों के लिए नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
भारत सरकार ने डिफेंस सेक्टर के स्थानीयकरण पर जोर देते हुए घरेलू निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न नीतिगत कदम उठाए हैं। इसके साथ ही, सरकार ने डिफेंस उपकरणों के निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। इन कदमों के चलते भारतीय डिफेंस कंपनियों को नए ऑर्डर मिल सकते हैं, जिससे उनके शेयरों में भी तेजी देखने को मिल सकती है।
फाइनेंशियल ईयर 2024 से 2030 के बीच भारत का डिफेंस बजट दोगुना किए जाने की संभावना जताई जा रही है। इससे देश की डिफेंस कंपनियों को अगले 5 से 6 वर्षों में 90 से 100 अरब डॉलर के अवसर मिल सकते हैं। वर्तमान में, भारत डिफेंस पर अमेरिका के खर्च का 10 प्रतिशत और चीन के खर्च का 27 प्रतिशत खर्च करता है। भारत डिफेंस उपकरणों का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश है और कुल वैश्विक हथियार आयात का 9 प्रतिशत भारत के हिस्से में आता है।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सरकार द्वारा डिफेंस निर्यात पर ध्यान दिए जाने के परिणामस्वरूप, वित्त वर्ष 2024 से 2030 के बीच डिफेंस उपकरणों का निर्यात 18 प्रतिशत के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ सकता है। वित्त वर्ष 2017 से 2024 के बीच भारत का डिफेंस निर्यात 14 गुना बढ़कर 2.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो इस क्षेत्र में सरकार की निरंतर प्रोत्साहन की दिशा को दर्शाता है।
इस रिपोर्ट के अनुसार, 'मेक इन इंडिया' पहल के चलते भारतीय डिफेंस सेक्टर में महत्वपूर्ण बदलाव और वृद्धि देखने को मिल रही है, जो कि देश की सुरक्षा और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।