नई दिल्ली : माल एवं सेवा (जीएसटी) काउंसिल शनिवार को 23 वस्तुओं पर जीएसटी की दर कम करने के बाद अब अगले महीने होने वाली बैठक में और राहत देने की तैयारी में है। इस बार निर्माणाधीन आवासीय इकाइयों और कम्प्लीशन सर्टिफिकेट (कार्य सम्पन्न होने का प्रमाण पत्र) की प्रतीक्षा में पड़े तैयार फ्लैट पर कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया जा सकता है; एक अधिकारी ने यह बात कही।
फिलहाल ऐसे तैयार फ्लैट पर GST की दर 12 प्रतिशत है जिन्हें कार्यपूर्ण होने का प्रमाण पत्र नहीं मिला है। हालांकि, रीयल एस्टेट संपत्तियों के उन खरीदारों पर GST नहीं लगता है, जिन्हें बिक्री के समय कार्य-पूर्ण होने का प्रमाणपत्र मिल चुका है। एक अधिकारी ने कहा कि इस मामले में 12 प्रतिशत की GST दर का भार कायदे से तो बिल्डरों द्वारा निर्माण वस्तुओं पर दिये गये करों के कारण आंशिक रूप से कम जो जाता है।
ऐसे में अत: निर्माणधीन मकानों पर जीएसटी की वास्तविक दर करीब 5-6 प्रतिशत पड़नी चाहिये। लेकिन बिल्डर उत्पादन सामग्री पर चुकाए गए करों के लाभ का फायदा ग्राहकों तक नहीं पहुंचा रहे हैं। अधिकारी ने कहा, ‘जीएसटी काउंसिल के समझ रखे गये प्रस्तावों में एक यह भी है कि 80 प्रतिशत निर्माण सामग्री पंजीकृत डीलरों से खरीदने वाले बिल्डरों के लिये जीएसटी दर घटाकर पांच प्रतिशत कर दी जाये।’
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिल्डर निर्माण में इस्तेमाल हो रही वस्तुओं के लिये नकदी में भुगतान कर रहे हैं और उपभोक्ताओं को सामग्री खरीद में चुकाए गए कर पर मिलने वाले लाभ का फायदा नहीं पहुंचा रहे हैं। इसलिये उन्हें औपचारिक व्यवस्था के अंतर्गत लाने की जरुरत है। फ्लैट और घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले अधिकांश निर्माण उत्पाद, पूंजीगत सामान और सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है जबकि सीमेंट पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगता है।