मुंबई : देश के दूरदराज और संपर्क रहित स्थानों तक पहुंच सुनिश्चित करने की तैयारी में लगे सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नीतिन गडकरी ने जापानी कंपनी से आग्रह किया है कि वह समुद्री विमानों (सीप्लेन) का भारत में ही विनिर्माण शुरू करे। जापान की सेतोउची कंपनी ने यहां इस प्रकार के विमानों का सफल परीक्षण किया है। गडकरी ने कंपनी को हर तरह का समर्थन देने का आश्वासन देते हुये कहा, मैं आप (सेतोउची) से आग्रह करना चाहता हूं कि आपको भारत में विनिर्माण करना चाहिये।। हम यह सुनिश्चित करेंगे की आपके लिये हवाई पट्टी के नजदीक जमीन उपलब्ध हो और आप अपने समुद्री विमान नागपुर में ही विनिर्मित कर सकें।
गडकरी यहां शहर के तटीय इलाके गिरगाम चौपाटी में समुद्री विमानों के परीक्षण के दूसरे चरण के अवसर पर बोल रहे थे। यह परीक्षण उड़न स्पाइस जेट द्वारा की जा रही है और इसमें सेतोउची के दस-सीट वाले काडियाक -1,000 समुद्री विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में समुद्री विमानों के लिये काफी संभावनायें हैं और इनका देश के भीतर ही विनिर्माण होने से लागत कम होगी। गडकरी ने कहा कि समुद्री विमानों के लिये नियमों को तीन माह में अंतिम रूप दे दिया जायेगा। इसके लिये नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ विचार विमर्श किया जायेगा।
उन्होंने कहा, नागिरक उड्डयन मंत्री गजपति राजू इसे समुद्री विमान कहते हैं जबकि मैं इसे उड़ने वाली नौका कहता हूं। यदि यह समुद्री विमान है तो यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन आयेगा और यदि उड़न नौका कहलाती है तो फिर मेरे नियंत्रण में होगी। अमेरिका, कनाडा और जापान में समुद्री विमानों के लिये पहले से ही नियम बने हुये हैं। देश में स्पाइस जेट और जापान की सेतोउची होल्डिंग्स पिछले आठ माह से इस मुद्दे पर संभावनाओं को खंगाल रहे हैं और 10 से 14 सीट वाले छोटे एम्फीबियन विमान खरीदने की योजना पर गौर कर रहे हैं ताकि छोटे शहरों तक संपर्क सुविधा बनाई जा सके।
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