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भू-राजनीतिक घटनाक्रमों और वृहद आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा

भारत-चीन सीमा तनाव जैसे घटनाक्रमों तथा वृहद आर्थिक आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। इसके अलावा निवेशकों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर भी रहेगी।

भारत-चीन सीमा तनाव जैसे घटनाक्रमों तथा वृहद आर्थिक आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। इसके अलावा निवेशकों की निगाह वैश्विक संकेतकों पर भी रहेगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। बीते सप्ताह बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी ने अच्छा सुधार दर्ज किया। इससे पूर्व के सप्ताह में इनमें 2.5 प्रतिशत तक का ‘करेक्शन’ आया था। 
बीते सप्ताह सेंसेक्स 497.37 अंक या 1.30 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं निफ्टी ने 130.60 अंक या 1.15 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जोरदार बढ़त से बाजार ने अच्छा लाभ दर्ज किया। हालांकि, अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर अनिश्चितता, कोविड-19 के बढ़ते मामलों तथा भारत-चीन तनाव की वजह से बाजार की धारणा पर असर पड़ रहा है। 
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘सीमा तनाव को समाप्त करने के लिए उच्चस्तरीय वार्ता के बाद आधिकारिक बयान नहीं आने की वजह से निवेशकों को आगे सुस्त प्रगति के लिए तैयार रहना चाहिए। यह अनिश्चितता लघु अवधि में बाजार की धारणा को प्रभावित करेगी।’’ पिछले सप्ताह भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा तनाव को शांत करने के लिए पांच-सूत्रीय योजना पर सहमति बनी है। नायर ने कहा कि घरेलू स्तर पर संकेतकों के अभाव में निवेशकों की निगाह वैश्विक घटनाक्रमों पर रहेगी। ‘‘कई स्मॉलकैप कंपनियां अपने तिमाही नतीजों की घोषणा कर रही हैं। इससे बाजार में शेयर आधारित गतिविधियां देखने को मिली सकती हैं।’’ 
विश्लेषकों ने कहा कि ब्याज दरों पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक के निर्णय तथा मुद्रास्फीति के आंकड़ों से बाजार को कुछ दिशा मिल सकती है। खुदरा और थोक मुद्रास्फीति दोनों के आंकड़े सोमवार को जारी किए जाएंगे। जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.93 प्रतिशत पर पहुंच गई। 
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘आगामी सत्रों में सबसे पहले निवेशक औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देंगे। साथ ही उनकी निगाह थोक और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर रहेगी। इसके अलावा बाजार वैश्विक रुख तथा आगामी एफओएमसी बैठक से भी संकेत लेगा।’’ 
जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में 10.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। मुख्य रूप से विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्र के खराब प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन नीचे आया है। औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े शक्रवार को जारी किए गए। कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी से भी बाजार में उतार-चढ़ाव है। हालांकि, इस महामारी से मरने वालों की दर नीचे आई है। 
देश में कोविड-19 संक्रमण के एक दिन में 94,372 नए मामले आए हैं। अब संक्रमण का आंकड़ा 47 लाख को पार कर गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अब तक 37,02,595 लोग इस बीमारी से ठीक हो चुके हैं। राष्ट्रीय स्तर पर महामारी से उबरने की दर 77.88 प्रतिशत हो गई है। अब तक इस महामारी से 78,586 लोगों की जान गई है। 
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘इस सप्ताह निवेशकों की निगाह अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक पर रहेगी। इसके अलावा कोविड के टीके से जुड़ी खबरों तथा वैश्विक संकेतकों पर भी उनकी निगाह रहेगी।’’ 

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