नई दिल्ली : मारुति सुजुकी ने 3,000 अस्थाई कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट आगे नहीं बढ़ाए। कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव के मुताबिक ऑटो इंडस्ट्री में मंदी की वजह से ऐसा किया गया। हालांकि, स्थाई कर्मचारी प्रभावित नहीं हुए हैं। भार्गव ने एक इंटरव्यू में कहा कि जब मांग बढ़ती है तो ज्यादा कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी रखे जाते हैं। मांग कम होने पर हटा दिए जाते हैं। यह बिजनेस का हिस्सा है।
मारुति सुजुकी के चेयरमैन के मुताबिक ऑटोमोबाइल सेक्टर सेल्स, सर्विस, इंश्योरेंस, लाइसेंसिंग, फाइनेंसिंग, एसेसरीज, ड्राइवर, पेट्रोल पंप, ट्रांसपोर्टेशन के जरिए रोजगार के मौके देता है। वाहनों की बिक्री में थोड़ी सी कमी से बड़े स्तर पर नौकरियां प्रभावित होंगी। भार्गव ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही से वाहन बिक्री में पॉजिटिव ग्रोथ शुरू होगी। बीएस-VI ट्रांजिशन की वजह से अगले वित्त वर्ष में बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।
मॉनसून अच्छा रहने और ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ने से आने वाले त्योहारी सीजन में बिक्री बढ़ सकती है। सरकार से उम्मीदों को लेकर भार्गव ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री के लिए कोई सकारात्मक कदम उठाया जाता है तो हालात सुधरेंगे।