रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने कोरोना वायरस के अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को देखते हुए 2020 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर मंगलवार को 5.3 प्रतिशत कर दिया। मूडीज ने इससे पहले फरवरी में कहा था कि 2020 में भारत की जीडीपी 5.4 प्रतिशत की रफ्तार से वृद्धि कर सकती है। हालांकि यह भी पहले के 6.6 प्रतिशत के अनुमान से घटाया गया था।
एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने का ठीक-ठाक आर्थिक असर होगा। प्रभावित देशों में इससे घरेलू मांग पर असर हो रहा है, आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही है तथा एक देश से दूसरे देश में होने वाला व्यापार घट रहा है।
मूडीज ने कहा कि ये व्यवधान जितना लंबा खिचेंगे, वैश्विक आर्थिक मंदी का जोखिम उतना अधिक होगा। एजेंसी ने 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया। उसने कहा कि कई सरकारों और केंद्रीय बैंकों ने वित्तीय राहत पैकेज, नीतिगत दर में कटौती, नियामकीय छूट समेत राहत के कई उपाय किये हैं, हालांकि वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये उठाये जाने वाले कदम इन उपायों के असर को कम कर देंगे।
मूडीज के उपाध्यक्ष बेंजामिन नेल्सन ने एक बयान में कहा कि व्यापार तथा लोगों की मुक्त आवाजाही पर निर्भर क्षेत्र जैसे यात्री विमानन, नौवहन, आतिथ्य सत्कार, रहना-ठहरना, क्रूज लाइनर, रेस्तरां आदि सबसे अधिक जोखिम में हैं।
एजेंसी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भरता के कारण वैश्विक वाहन कंपनियां भी प्रभावित हो रही हैं। कुछ चुनिंदा भौगोलिक क्षेत्रों में खेल तथा खाद्य से इतर के खुदरा क्षेत्र भी आपूर्ति श्रृंखला पर निर्भर हैं, इस कारण ये भी प्रभावित हो रहे हैं।
मूडीज के एक अन्य उपाध्यक्ष रिचर्ड मोरावेट्ज ने कहा कि कंपनियां वायरस के संक्रमण से कितना बचाव कर पाती हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि संक्रमण कब तक रहने वाला है। हम सतर्क करते हैं कि जिस तरह से दिन-प्रतिदिन चीजें घट रही हैं, समय के हिसाब से प्रभाव का हमारा आकलन भी बदलता रहेगा।