नई दिल्ली : सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (MSME) मंत्रालय ने छोटी इकाइयों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये संचालन परिषद का गठन करने का प्रस्ताव किया है। इसका उद्देश्य निवेश से जुड़ी सभी बाधाओं को बेहतर तरीके से निपटान करना है। मंत्रालय ने अपनी ‘रणनीतिक कार्य योजना’ के तहत एमएसएमई के लिये दिक्कत वाले क्षेत्रों की पहचान को लेकर मुक्त व्यापार समझौते, द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय व्यापार समझौतों समेत विभिन्न व्यापार समझौतों की विस्तृत जांच-परख करने की सिफारिश की है।
इस योजना का शीर्षक ‘अनलॉकिंग द पोटेंशियल ऑफ MSME एक्सपोर्ट’ है। इसमें कहा गया है कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों और निर्यात संवर्धन क्षेत्रों का भी अध्ययन किया जायेगा ताकि उनकी भूमिका और उद्देश्यों को फिर से परिभाषित किया जा सके। यह हमारी विदेश व्यापार नीति के आवश्यक घटक हैं और उनकी क्षमताओं का उपयोग करना जरुरी है।
इसके अलावा, एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जायेगा। इस पर विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा दिये जाने वाले ऋण के बारे में भी जानकारी होगी। संचालन परिषद के प्रमुख एमएसएमई मंत्रालय के सचिव होंगे और उसके विकास आयुक्त इसके सह-अध्यक्ष होंगे।
एमएसएमई मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय, एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद, निर्यात विकास प्राधिकरणों इत्यादि के सदस्य और वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे।