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जेपी इन्फ्रा के लिए एनबीसीसी, सुरक्षा की बोलियों पर एक साथ होगा मतदान

मतदान 10 दिसंबर को शुरू हो कर 16 दिसंबर तक सम्पन्न होगा। यह निर्णय कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की दिल्ली में एक बैठक में लिया गया।

नई दिल्ली : अचल सम्पत्ति निर्माण कंपनी जेपी इन्फ्राटेक के कर्जदाताओं ने कंपनी के लिए सरकारी कंपनी एनबीसीसी और निजी क्षेत्र की सुरक्षा रियल्टी की ओर से प्रस्तुत बोलियों पर एक साथ मतदान कराने का शनिवार को निर्णय किया। मतदान 10 दिसंबर को शुरू हो कर 16 दिसंबर तक सम्पन्न होगा। यह निर्णय कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की दिल्ली में एक बैठक में लिया गया। 
कर्ज में डूबी जेपी इन्फ्रा की नीलामी के लिए निविदा प्रक्रिया का यह तीसरा दौर उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर संचालित हो रहा है। सूत्रों के अनुसार कर्जदाताओं में आईसीआईसीआई बैंक और एक्सिस बैंक दोनों बोलीदाताओं की ओर से प्रस्तुत ऋण समाधान योजनओं पर एक साथ मतदान कराए जाने के विरुद्ध थे। उनका कहना था कि पहले सबसे ऊंची बोली लगाने वाले के प्रस्ताव पर वोट कराया जाना चाहिए। 
लेकिन इनमें से किसकी बोली को उच्चतम माना जाए इस बात पर कर्जदाताओं में सहमति नहीं थी। सीओसी में कुल 13 बैंकों और 23,000 घर खरीदारों को वोट देने का अधिकार है। इनमें से घर खरीदारों का संयुक्त मताधिकार 58 प्रतिशत (रिपीट 58 प्रतिशत) है। जिस बोली को 66 प्रतिशत वोट मिल जायेंगे, उसे मंजूरी मिल जायेगी। खरीदारों की ओर से कंपनी पर 13,000 करोड़ रुपये और बैंकों का 9,800 करोड़ रुपये के दावे सुनवायी के लिए दाखिल किए गए हैं। 
जयप्रकाश एसोसिएट्स समूह की कंपनी जेपी इन्फ्राटेक से कर्ज की वसूली न हो पाने के कारण आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व में उसे कर्ज देने वाले बैंकों के समूह ने दिवाला कानून के तहत इसके समाधान का मामला दायर किया। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने इसे दाखिल कर लिया और कंपनी के खिलाफ ऋण समाधान की कार्रवाई अगस्त 2017 में चालू हुई। 
हले दौर में कर्जदाताओं ने सुरक्षा समूह की कंपनी लक्ष्यद्वीप की 7,350 करोड़ रुपये की बोली को खारिज कर दिया था। इस साल जून- जुलाई में सुरक्षा रियल्टी की दूसरी बोली भी खारिज कर दी गयी। उसके बाद यह ममला राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) और उच्चतम न्यायालय तक गया। उच्चतम न्यायालय ने छह नवंबर को इस मामले को 90 दिन में निपटाने का निर्देश दिया। 
न्यायालय ने समाधान पेशेवर को दोनों कंपनियों से एक बार फिर से संशोधित समाधान योजनाएं मंगवाने के निर्देश भी दिए थे। मुंबई की कंपनी सुरक्षा रियल्टी ने शनिवार को अपनी संशोधित बोली में और सुधार करते हुए कर्जदाताओं को पहले से अधिक जमीन तथा अग्रिम नकद भुगतान करने का प्रस्ताव किया है। कंपनी ने तीन दिसंबर को अपनी आखरी बोली में कर्जदाताओं को उनके कर्ज के बदले पहले में 175 करोड़ रुपए और 2220 एकड़ जमीन के भुगतान की पेशकश की थी । उसे बढ़ा कर उसने 190 करोड़ रुपये और 2275 करोड़ रुपए कर दिया है। एनबीसीसी ने कर्जदाताओं को 1526 एकड़ जमीन देने की पेशकश की है।

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