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पेट्रोल, डीजल वाहनों पर ‘ब्रेक’ की जरूरत नहीं : नितिन गडकरी

सरकार ने वाहन उद्योग की आशंका को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की कोई जरूरत नहीं है।

नई दिल्ली : सरकार ने वाहन उद्योग की आशंका को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की कोई जरूरत नहीं है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को यहां कहा कि पेट्रोल, डीजल वाहनों को बंद करने की जरूरत नहीं है और बिजलीचालित या इलेक्ट्रिक वाहन खुद-ब-खुद रफ्तार पकड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दो साल में सभी बसें बिजलीचालित हो जाएंगी। 
इससे पहले सरकार के शोध संस्थान नीति आयोग ने प्रस्ताव किया था कि 2030 के बाद देश में सिर्फ बिजलीचालित वाहन ही बेचे जाएं। बाद में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कई केंद्रीय मंत्रियों ने वाहन उद्योग की चिंता दूर करने का प्रयास करते हुए कहा था कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कान्त की अगुवाई वाली एक समिति ने सुझाव दिया था कि 2025 से 150 सीसी इंजन क्षमता तक सिर्फ इलेक्ट्रिक तिपहिया और तिपहिया की बिक्री की जाए। 
गडकरी ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) में ऊर्जा दक्षता पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं हमेशा बिजलीचालित वाहनों मसलन कार, बाइक और बसों की बात करता रहा हूं। अब यह खुद शुरू हो गया है। इसे अनिवार्य करने की जरूरत नहीं है। पेट्रोल, डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत नहीं है। अगले दो साल में सभी बसें इलेक्ट्रिक होंगी और ये जैव एथेनॉल और सीएनजी पर दौड़ेंगी इसके लागत लाभ पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि यदि हम वाहनों को बिजली पर चलाते हैं, इसकी लागत 15 रुपये लीटर डीजल की बैठेगी। 
मैंने जब उद्योग से बैठक में कहा कि मैं धुआं छोड़ने वाली मशीनों को बंद करूंगा, तो सभी घबरा गए…..अब हमारे पास जर्मनी से प्लास्टिक सिलेंडर उपलब्ध हैं। इससे एलएनजी की 50 प्रतिशत लागत और सीएनजी की 40 प्रतिशत लागत की बचत होगी। उन्होंने खेतों की पराली को बिजली उत्पादन के लिए स्वच्छ ईंधन में बदलने की भी बात की। उन्होंने कहा कि इससे वाहन भी दौड़ाए जा सकेंगे और किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ाई जा सकेगी। 

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